tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post405736557344723643..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : रूबाइयाँसहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-89345379490820002982008-09-30T17:47:00.000+05:302008-09-30T17:47:00.000+05:30बढिया मुक्तक है बधाई।ख़ुदा के लिए बख़्श दो सितमग़र हम...बढिया मुक्तक है बधाई।<BR/><BR/>ख़ुदा के लिए बख़्श दो सितमग़र हमको ।<BR/><BR/>दीद की ज़रूरत नहीं न आओ नज़र हमको ॥<BR/><BR/>बनके फ़ना होना सिलसिला इस जहाँ का ।<BR/><BR/>मिटकर ही करने दो ज़िन्दग़ी बसर हमको ॥<BR/><BR/>निवेदन+Word Verification को हटाएंपरमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-48242824658151044752008-09-30T16:58:00.000+05:302008-09-30T16:58:00.000+05:305पछता रहे हैं ज़िन्दगी का ऐतबार करके ।रो दिए क्यूँ ...5<BR/><BR/><BR/>पछता रहे हैं ज़िन्दगी का ऐतबार करके ।<BR/><BR/>रो दिए क्यूँ हमें इतना प्यार करके ॥<BR/><BR/>तुम्हें देखा,तुम्हें चाहा दिल का क़ुसूर था ।<BR/><BR/>चले गए क्यों यकायक मुझे पुकार करके ॥<BR/><BR/>'very very beautiful composition'<BR/><BR/>Regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.com