tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post3860632184589740030..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : कविताएँसहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-31786464141221592052015-11-04T20:36:41.760+05:302015-11-04T20:36:41.760+05:30माँ को समर्पित सुन्दर कविता भावना जी ..बधाई !
घर ...माँ को समर्पित सुन्दर कविता भावना जी ..बधाई !<br /><br />घर की 'घर' से 'बेघर' होने तक की व्यथाकथा कहती मर्मस्पर्शी रचनाएँ ...सादर नमन दीदी ..आपको ..आपकी लेखनी को !<br /><br />सादर <br />ज्योत्स्ना शर्मा ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-8527594349485291502015-11-03T10:09:14.337+05:302015-11-03T10:09:14.337+05:30माँ तो सदा हर ताप सहने को तैयार ही रहती है...| बहु...माँ तो सदा हर ताप सहने को तैयार ही रहती है...| बहुत भावपूर्ण कविता...हार्दिक बधाई...|<br />आदरणीय सुधा जी ने तो घर को लेकर अप्रतिम रचना रच डाली...मन को छू गई सब...| बहुत बधाई...|प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-3384226922703347012015-10-26T15:29:09.375+05:302015-10-26T15:29:09.375+05:30सुधा जी ,घर की व्यथा एक सुन्दर सजीव चित्रण लगा | ...सुधा जी ,घर की व्यथा एक सुन्दर सजीव चित्रण लगा | घरों में रहने वाले ही नहीं रहते, केवल सामान रखने की जगह ही तो बन गए हैं घर |आपको हार्दिक बधाई | सविता अग्रवाल 'सवि'https://www.blogger.com/profile/18325250763724822338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-81769425809721372772015-10-21T18:31:23.822+05:302015-10-21T18:31:23.822+05:30-घर- कविताएँ आदरनीय डॉ सुधा गुप्ता जी की पुनः प...-घर- कविताएँ आदरनीय डॉ सुधा गुप्ता जी की पुनः पढने को मिली . सभी उत्कृष्ट हैं जितनी बार पढो नई लगती हैं बधाई<br /> माँ तो तप का नाम है भावपूर्ण कविता...भावना सक्सेना जी बधाई।Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-32666450642356606242015-10-20T23:05:45.018+05:302015-10-20T23:05:45.018+05:30घर की मनोव्यथा का बहुत सही चित्रण। सच में आजकल घरो...घर की मनोव्यथा का बहुत सही चित्रण। सच में आजकल घरों को घर होने का सुख तो किश्तों में ही मिलता है। आज के समय में घर अधिकतर मकान ही बन के रह जाते हैं। आ० सुधा गुप्ता जी सादर नमन। <br /><br />माँ पर लिखी बहुत भावपूर्ण कविता...भावना सक्सेना जी बधाई।Krishnahttps://www.blogger.com/profile/01841813882840605922noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-34573515327894984732015-10-20T22:11:58.459+05:302015-10-20T22:11:58.459+05:30काम ख़त्म होते ही / जाने को मचल जाता है / हर इंसान ...काम ख़त्म होते ही / जाने को मचल जाता है / हर इंसान / अपने घर !<br />घर को सार्थक करती कितनी सार्थक बात कही गई है! सुधाजी को साभिनंदन बधाई. <br />भावना सक्सेना की माँ पर भावुक कविता बहुत भावपूर्ण है, बधाई सुरेन्द्र वर्मा Dr. Surendra Vermahttps://www.blogger.com/profile/13753374658019625358noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-13456230584248767032015-10-20T14:58:58.379+05:302015-10-20T14:58:58.379+05:30माँ पर भावना जी की भावुक कर देने वाली सुंदर रचना क...माँ पर भावना जी की भावुक कर देने वाली सुंदर रचना के लिए उन्हें बधाई !<br /><br />सुधा दी घर को जो ज़ज़्बात और अहसास दिए हैं वे मर्म को छू जाते हैं। क्या कहूँ ......शब्दातीत .....निशब्द ! नमन सुधा दी sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-15336137863629106972015-10-20T14:57:27.383+05:302015-10-20T14:57:27.383+05:30माँ पर भावना जी की भावुक कर देने वाली सुंदर रचना क...माँ पर भावना जी की भावुक कर देने वाली सुंदर रचना के लिए उन्हें बधाई !<br /><br />सुधा दी घर को जो ज़ज़्बात और अहसास दिए हैं वे मर्म को छू जाते हैं। क्या कहूँ ......शब्दातीत .....निशब्द ! नमन सुधा दी sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-64735491855611090262015-10-20T13:17:28.862+05:302015-10-20T13:17:28.862+05:30बहुत सुन्दर रचना, भावना जी, शुभकामनाएँ !
कविता की ...बहुत सुन्दर रचना, भावना जी, शुभकामनाएँ !<br />कविता की गंगोत्री डॉ. सुधा गुप्ता जी को सादर नमन!!<br />Amit Agarwalhttps://www.blogger.com/profile/13979122044199890176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-79036810614405539452015-10-20T10:25:37.514+05:302015-10-20T10:25:37.514+05:30भावना जी माँ मन की भावनाओं का सुन्दर चित्रण
बधाई!...भावना जी माँ मन की भावनाओं का सुन्दर चित्रण <br />बधाई!!Dr.Purnima Raihttps://www.blogger.com/profile/01017846358964709625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-74790575741368186312015-10-20T10:24:15.487+05:302015-10-20T10:24:15.487+05:30सब चले जाते जाने कहाँ?????इस एक पंक्ति ने हर तरह क...सब चले जाते जाने कहाँ?????इस एक पंक्ति ने हर तरह की व्यथा को वाणी दे दी है।कटु सच है जीवन का।घर घर नहीं रहे मकां हो गये हैं।कोई मतलब नहीं किसी को किसी के साथ।इंसान से ही मतलब नहीं है तो फिर घर का दर्द कौन समझेगा।।प्रेरित करती है ये पंक्ति कि चलो मिलकर फिर से घर को घर बनाएं।सकारात्मक सोच पर पहरा देती है ।<br />उम्दा सृजन!!Dr.Purnima Raihttps://www.blogger.com/profile/01017846358964709625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-80426535108616436312015-10-20T10:19:25.011+05:302015-10-20T10:19:25.011+05:30भावना जी माँ मन की भावनाओं का सुन्दर चित्रण
बधाई!...भावना जी माँ मन की भावनाओं का सुन्दर चित्रण <br />बधाई!!Dr.Purnima Raihttps://www.blogger.com/profile/01017846358964709625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-53735679201198824122015-10-20T07:25:03.022+05:302015-10-20T07:25:03.022+05:30maa par rachna achhi hai sudha ji ne ytharth likha...maa par rachna achhi hai sudha ji ne ytharth likha hai...man ka kona kona hila gayi ghar par itni gahri soch sudha ko naman..<br />तिनके, धागे<br />कतरन , पर<br />नन्ही चिड़िया ने<br />बना लिया<br />घर ।<br />bahut masum lagi ye rachna...<br /><br />बड़ी सुबह / रसोई में<br />थोड़ी-सी चहल-पहल<br />रौनक़, शोर-शराबा<br />आठ बजते-बजते<br />मुझमें ताले जड़<br />सब चले जाते/ जाने कहाँ bahut gahan bhav jaise ghar hi bol raha hai...man bheeg gaya bechare ghar ki vyatha sun tabhi main kahti hun sabse ki kitna bada ya chhota bana lo ghar lagta to tala hi hai kuchh hi ghante ham ghar men hote hain samjho ki bas sone..fir kyon maramri ki kitne rooms hon?Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-77463660440868793332015-10-20T07:12:00.266+05:302015-10-20T07:12:00.266+05:30aadarniya sudha ji ne ghar ke vibhinn roopon ka b...aadarniya sudha ji ne ghar ke vibhinn roopon ka bada hi sajeev chitran kiya ...jo sach bhavuk karta hai <br /><br />ma par likhi kavita behad bhaavpurn hai bhawna ji ......aise kavitao ko mera sadar naman hai !Jyotsana pradeephttps://www.blogger.com/profile/02700386369706722313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-62358454628487047802015-10-19T22:54:06.251+05:302015-10-19T22:54:06.251+05:30भावना जी गहरे भावों को व्यक्त करती कविता। बधाई
आद...भावना जी गहरे भावों को व्यक्त करती कविता। बधाई<br /><br />आदरणीय सुधा जी ने घर को विभिन्न रूपों में चित्रित किया। हर कविता ने आँखों के सामने भाव भरी तस्वीर खींच दी। नमनमंजूषा मनhttps://www.blogger.com/profile/05973406793196054905noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-61762654739377815562015-10-19T22:52:30.080+05:302015-10-19T22:52:30.080+05:30बंधुवर, सप्रेम नमस्कार. डा. सुधा जी की घर पर कविता...बंधुवर, सप्रेम नमस्कार. डा. सुधा जी की घर पर कविताएँ पढ़वाने के लिए आपका आभार। घर और उससे जुडी अनेक बातें फिर से चित्रित हो उठीं। फ़ोन करके बधाई दे रहा हूँ। सानंद होंगे। आपका - भगवत सरन अग्रवाल <br />Bhagwatsaran Agarwala <br /><br />Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-80091281907116136352015-10-19T22:49:01.057+05:302015-10-19T22:49:01.057+05:30भावनाजी भावपूर्ण कविता सुधाजी के घर के विविध रूपों...भावनाजी भावपूर्ण कविता सुधाजी के घर के विविध रूपों की व्यथा गाथा दिल को छू गई। बधाई। Sudershan Ratnakarhttps://www.blogger.com/profile/04520376156997893785noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-31736355539779788642015-10-19T19:59:33.127+05:302015-10-19T19:59:33.127+05:30माँ पर बहुत ही भावपूर्ण कविता है भावना जी बधाई |घ...माँ पर बहुत ही भावपूर्ण कविता है भावना जी बधाई |घर का महत्व बताती , घर से ही घर की व्यथा सुनवाती कविता अपने में ही अनूठी है आदरणीय सुधा दीदी <br />के वर्ण- वर्ण को नमन |उनकी अनुभूतियों की गहराइयों को नमन|<br /> पुष्पा मेहरा Pushpa mehrahttps://www.blogger.com/profile/03375356603929430087noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-75340948625942168022015-10-19T19:36:35.485+05:302015-10-19T19:36:35.485+05:30भावना जी, सुधा जी बधाई! बहुत सुंदर रचनाएँ, इतने कम...भावना जी, सुधा जी बधाई! बहुत सुंदर रचनाएँ, इतने कम शब्दों में इतनी सारी भावनाएँ-- बिल्कुल गागर में सागर!<br />sunita pahujahttps://www.blogger.com/profile/14902019355728540766noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-20344086482478482462015-10-19T18:58:23.297+05:302015-10-19T18:58:23.297+05:30भावना जी माँ की भावनाओं का सुंदर चित्रण।बधाई।
आदरण...भावना जी माँ की भावनाओं का सुंदर चित्रण।बधाई।<br />आदरणीया सुधाजी घर के विविध रूपों का सरल शब्दों<br />में सटीक चित्रण मन प्राण प्रसन्न हो गए पढ़कर।शुभकामनाएँ।Anita Mandahttps://www.blogger.com/profile/03558205535588084045noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-44025308513019101752015-10-19T18:42:31.816+05:302015-10-19T18:42:31.816+05:30माँ तो बस माँ है भावना जी सुन्दर रचना
सुधा दी ने ...माँ तो बस माँ है भावना जी सुन्दर रचना <br />सुधा दी ने घर की एक एक ईट का मन पढ़ लिया उत्कृष्ट रचनाये नमन :) सुनीता अग्रवाल "नेह"https://www.blogger.com/profile/07002923684526556089noreply@blogger.com