tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post3569283768780471610..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : 744सहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-1107739719282220692017-06-15T20:17:03.282+05:302017-06-15T20:17:03.282+05:30लोकगीत और लोकसंस्कृति पर बहुत सुन्दर ,सारगर्भित प्...लोकगीत और लोकसंस्कृति पर बहुत सुन्दर ,सारगर्भित प्रस्तुति !<br />हार्दिक बधाई !!ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-8809865410732640812017-06-13T19:03:43.490+05:302017-06-13T19:03:43.490+05:30बहुत सुंदर सार्थक लेख जेन्नी जी बधाई।बहुत सुंदर सार्थक लेख जेन्नी जी बधाई।Krishnahttps://www.blogger.com/profile/01841813882840605922noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-53447568274400393772017-06-13T18:13:27.673+05:302017-06-13T18:13:27.673+05:30जेन्नी जी की लेखनी की तो मैं वैसे भी कायल हूँ...| ...जेन्नी जी की लेखनी की तो मैं वैसे भी कायल हूँ...| लोकगीतों के बिसरने से शुरू हुआ आलेख अंत तक आते आते लोकगीत के ही माध्यम से एक स्त्री की अनवरत चली आ रही पीड़ा को बयान कर गया...| कुल मिला कर इस आलेख के हरेक शब्द ने मन को झकझोरा ही है | इतने सार्थक और खूबसूरत लेख के लिए मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए...और साथ ही आभार भी, जो जाने कितने भूले-बिसरे लोकगीतों की बानगी दिखा दी आपने...|प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-25648501141843844902017-06-13T13:22:37.067+05:302017-06-13T13:22:37.067+05:30आधुनिक युग में दम तोड़ती हमारी लोक संस्कृति पर आपकी...आधुनिक युग में दम तोड़ती हमारी लोक संस्कृति पर आपकी यह सुंदर स्मरणीय आलेख हेतु बधाई आपको डॉ जेन्नी जी ।सुनीता शर्मा 'नन्ही'https://www.blogger.com/profile/17734502488420747181noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-17968541788041369092017-06-10T20:03:37.341+05:302017-06-10T20:03:37.341+05:30आदरणीय काम्बोज भैया ने मेरे इस लेख को यहाँ प्रकाशि...आदरणीय काम्बोज भैया ने मेरे इस लेख को यहाँ प्रकाशित कर मुझे गौरवान्वित किया है. आप सभी की आभारी हूँ, आप सभी न इसे पसंद किया और आप सभी का समर्थन मिला. इस स्नेह के लिए हृदय से धन्यवाद. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-76830746417990955822017-06-10T14:11:36.188+05:302017-06-10T14:11:36.188+05:30सटीक और सार्थक रचना सटीक और सार्थक रचना Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-19345953202119769852017-06-10T08:53:31.819+05:302017-06-10T08:53:31.819+05:30लोकगीतों के रस और माधुर्य का स्थान कोई फ़िल्मी गीत ...लोकगीतों के रस और माधुर्य का स्थान कोई फ़िल्मी गीत नहीं ले सकता। लोक की मिठास वर्णनातीत है जो आत्मिक सुख, आह्लाद लोक गीतों, नृत्यों, वाद्यों में है वह अद्वितीय है और जो इतना अनुपम हो उसका यूँ छीजना अत्यंत कष्टकारी है।<br /> राहत की बात है कि हरियाणा और राजस्थान में लोक-संस्कृति को सहेजने के सराहनीय और सफल प्रयास हुए हैं, हो रहे हैं।<br /><br />उत्तम विषय पर उत्कृष्ट आलेख के लिए डॉ० जेन्नी शबनम को साधुवाद।sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-70814716916491334682017-06-10T08:49:32.585+05:302017-06-10T08:49:32.585+05:30लोक गीतों की सुदृढ़ परम्पराएँ आधुनिकरण और पाश्चात्...लोक गीतों की सुदृढ़ परम्पराएँ आधुनिकरण और पाश्चात्य संस्कृति की नकल के साथ ही धूमिल हो गई है । गाँवों व संयुक्त परिवारों ने अभी तक कुछ न कुछ नई पीढ़ी के लिये संजो रखा है । अब किस तरह से हम इसे उन्हें परोसते हैं । शालीनता से या फुहड़ पैरोडियाँ बना कर । खुशी हुई जेन्नी जी <br />का आलेख पढ़कर जो बहुत महत्वपूर्ण जानकारियाँ दे रहा है । बधाई लो अनुजा । आगे भी आलेखों की प्रतीक्षा रहेगी ।Vibha Rashmihttps://www.blogger.com/profile/07085561289908241333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-63953930758876664132017-06-09T23:20:46.015+05:302017-06-09T23:20:46.015+05:30बहुत सुंदर ,सार्थक आलेख जेन्नीजी। आज के समय में ऐस...बहुत सुंदर ,सार्थक आलेख जेन्नीजी। आज के समय में ऐसी ज्ञानवर्धक जानकारी की अत्यन्त आवश्यकता है । बधाई Sudershan Ratnakarhttps://www.blogger.com/profile/04520376156997893785noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-89266038305979365532017-06-09T22:16:12.414+05:302017-06-09T22:16:12.414+05:30जेन्नी जी का लेख एक बार पढ़ना शुरू किया तो अंत तक प...जेन्नी जी का लेख एक बार पढ़ना शुरू किया तो अंत तक पढ़ती चली गई। <br /> ब्याह शादियों के लाउडस्पीकरों से गूँजते कानफोड़ू फिल्मी गीतों को सुनकर मन के कोने में जो टीस उभरती थी उसे आपने साकार चित्रित कर दिया । अभी अप्रैल में मेरे परिवार में शादी संपन्न हुई । किसी को शगुन के गीत नही आते थे केवल बूढ़ी बुआजी को छोड़कर। <br />जेन्नी शबनमजी को इतने सुंदर सृजन के लिए बधाई और शुभकामनाएं Kamlanikhurpa@gmail.comhttps://www.blogger.com/profile/05894933359198383315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-89386232617968161302017-06-09T21:02:32.401+05:302017-06-09T21:02:32.401+05:30लोक में हमारी जड़ें हैं, जड़ें बचाने से ही पेड़ बच पा...लोक में हमारी जड़ें हैं, जड़ें बचाने से ही पेड़ बच पायेगा, पेड़ है तो जीवन है। आपाधापी के दौर में सब कुछ सूखी रेत की तरह हाथ से फिसल रहा है। इस फ़िक्र को जेन्नी शबनम जी ने बहुत अच्छे से उकेरा है, सुकूँ की बात यही है कि चेतावनी की आवाज़ उठाई जा रही है। सार्थक आलेख पर बधाई।Anita Mandahttps://www.blogger.com/profile/03558205535588084045noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-33190775091149155242017-06-09T20:49:53.466+05:302017-06-09T20:49:53.466+05:30बहुत सुंदर सार्थक जानकारी से परिपूर्ण लेख जेन्नी श...बहुत सुंदर सार्थक जानकारी से परिपूर्ण लेख जेन्नी शबनम जी ,हार्दिक बधाई ।सुनीता काम्बोजhttps://www.blogger.com/profile/03287350410187694457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-68215821904778964552017-06-09T20:38:47.830+05:302017-06-09T20:38:47.830+05:30Bahut mahtvpurn lekh meri shubhkamnaye Bahut mahtvpurn lekh meri shubhkamnaye Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-34329452434631048982017-06-09T20:12:58.377+05:302017-06-09T20:12:58.377+05:30सुंदर आलेख..बधाई जीसुंदर आलेख..बधाई जीDr.Purnima Raihttps://www.blogger.com/profile/01017846358964709625noreply@blogger.com