tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post2984655172996036282..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : 672सहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-50077134236986662442019-01-29T20:51:45.024+05:302019-01-29T20:51:45.024+05:30सहज साहित्य के इस सार्थक प्रयास के लिए हार्दिक बधा...सहज साहित्य के इस सार्थक प्रयास के लिए हार्दिक बधाई .Omprakash Kshatriya ''Prakash'' ( ओमप्रकाश क्षत्रिय ''प्रकाश")https://www.blogger.com/profile/11543835776063010465noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-63576407322337882762016-10-12T19:03:47.528+05:302016-10-12T19:03:47.528+05:30सुन्दर, सार्थक रचनाओं के लिए आपको बहुत बधाई कमल जी...सुन्दर, सार्थक रचनाओं के लिए आपको बहुत बधाई कमल जी।<br />Jyotsana pradeephttps://www.blogger.com/profile/02700386369706722313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-30828544678019364142016-09-28T10:19:20.546+05:302016-09-28T10:19:20.546+05:30कमल दीदी, सार्थक व प्रभावशाली रचनाएँ...बहुत बहुत ब...कमल दीदी, सार्थक व प्रभावशाली रचनाएँ...बहुत बहुत बधाई।भावना सक्सैनाhttps://www.facebook.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-87601603212511685392016-09-27T20:42:45.993+05:302016-09-27T20:42:45.993+05:30दोनों रचनाएँ बेहद प्रभावशाली और भावपूर्ण है.
छू स...दोनों रचनाएँ बेहद प्रभावशाली और भावपूर्ण है.<br /><br />छू सबा को जो खिली, तुम हो वह कोमल कली<br />भ्रमर ने चूमा है मुखड़ा,पवन-पलने में हो पली।<br /> <br />किसी अर्जुन में न साहस कि पाँच हिस्सों में बाँटे<br />रखे याद कि फूल- संग होते हैं अब बहुत से काँटे।<br /><br />सार्थक एवं सशक्त रचना के लिए कमल जी को बहुत बधाई. शुभकामनाएँ.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-49705780584046417892016-09-27T14:31:29.297+05:302016-09-27T14:31:29.297+05:30तुम और यदि दोनों बहुत-बहुत प्यारी कविताएँलगी ।नारी...तुम और यदि दोनों बहुत-बहुत प्यारी कविताएँलगी ।नारी विमर्श की कविता बहुत सुंदर बन पड़ी है। बधाई स्वीकारें ।Vibha Rashmihttps://www.blogger.com/profile/07085561289908241333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-13974551081645579012016-09-27T14:30:48.751+05:302016-09-27T14:30:48.751+05:30तुम और यदि दोनों बहुत-बहुत प्यारी कविताएँलगी ।नारी...तुम और यदि दोनों बहुत-बहुत प्यारी कविताएँलगी ।नारी विमर्श की कविता बहुत सुंदर बन पड़ी है। बधाई स्वीकारें ।Vibha Rashmihttps://www.blogger.com/profile/07085561289908241333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-3231142195601225742016-09-27T13:15:29.568+05:302016-09-27T13:15:29.568+05:30सुन्दर सशक्त रचनाओं के लिए बहुत बधाई !सुन्दर सशक्त रचनाओं के लिए बहुत बधाई !ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-39237994864667853892016-09-27T10:04:16.214+05:302016-09-27T10:04:16.214+05:30बहुत बेहतरीन और सार्थक रचनाएँ...बहुत बहुत बधाई स्व...बहुत बेहतरीन और सार्थक रचनाएँ...बहुत बहुत बधाई स्वीकारें प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-35433897494781473892016-09-27T08:13:57.582+05:302016-09-27T08:13:57.582+05:30सुन्दर, सार्थक रचनाओं के लिए आपको बहुत बधाई कमल जी...सुन्दर, सार्थक रचनाओं के लिए आपको बहुत बधाई कमल जी।Krishnahttps://www.blogger.com/profile/01841813882840605922noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-84643162064083336342016-09-26T18:57:48.192+05:302016-09-26T18:57:48.192+05:30कमलजी दोनों रचनाएँ बहुत सुंदर। कमलजी दोनों रचनाएँ बहुत सुंदर। Sudershan Ratnakarhttps://www.blogger.com/profile/04520376156997893785noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-33895188629250711392016-09-26T18:25:32.401+05:302016-09-26T18:25:32.401+05:30कमल जी दोनों रचनाएँ बहुत सुंदर सार्थक .नारी के त्...कमल जी दोनों रचनाएँ बहुत सुंदर सार्थक .नारी के त्याग को बहुत सुंदर भावों में पिरोया..और आज की नारी की सोच को रचना में उतारा है ..नमन आपकी लेखनी सुनीता काम्बोजhttps://www.blogger.com/profile/03287350410187694457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-62822718885980511802016-09-26T18:25:04.454+05:302016-09-26T18:25:04.454+05:30कमल जी दोनों रचनाएँ बहुत सुंदर सार्थक .नारी के त्...कमल जी दोनों रचनाएँ बहुत सुंदर सार्थक .नारी के त्याग को बहुत सुंदर भावों में पिरोया..और आज की नारी की सोच को रचना में उतारा है ..नमन आपकी लेखनी सुनीता काम्बोजhttps://www.blogger.com/profile/03287350410187694457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-89674110486680823302016-09-26T16:41:57.476+05:302016-09-26T16:41:57.476+05:30कमल जी अनेक प्रतीकों में नारी को दिखाया है आपने अप...कमल जी अनेक प्रतीकों में नारी को दिखाया है आपने अपनी इस कविता में आपकी सोच को और शब्दों की खोज को नमन ।सविता अग्रवाल 'सवि'https://www.blogger.com/profile/18325250763724822338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-22667739028483446032016-09-26T10:29:42.746+05:302016-09-26T10:29:42.746+05:30अवनि अंबर और अंबु, अनिल हो और अनल हो
देव-चरणों में...अवनि अंबर और अंबु, अनिल हो और अनल हो<br />देव-चरणों में समर्पित पूर्ण विकसित कमल हो।<br />बेहद सुन्दर पंक्तियाँ , रचना . कमल कपूर जी बधाई <br />आज की नारी का यथार्थ सच अहल्या , सिया राधिका , उर्मिला - सी प्रतीकों के माध्यम से कह दिया , अब नारियां स्वयं सिद्धा <br />बन गयी हैं . <br />बधाई Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.com