tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post2928247237880206462..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : 664सहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-76247473914763154972016-09-16T16:59:11.205+05:302016-09-16T16:59:11.205+05:30वाह क्या बात है। नमकीन जिन्दगी... बधाई सुनीता जी.....वाह क्या बात है। नमकीन जिन्दगी... बधाई सुनीता जी...dr. ratna vermahttps://www.blogger.com/profile/16684340074979783851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-37584429652623910602016-09-10T11:52:56.069+05:302016-09-10T11:52:56.069+05:30'नमकीन ज़िंदगी ', सार छंद ....दोनों ही रचन... 'नमकीन ज़िंदगी ', सार छंद ....दोनों ही रचनाएं बहुत सुन्दर, सार्थक <br />मंजूषा जी, सुनीता जी ...बहुत-बहुत बधाई !!Jyotsana pradeephttps://www.blogger.com/profile/02700386369706722313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-54132562265342600272016-09-09T08:00:06.962+05:302016-09-09T08:00:06.962+05:30दोनों रचनाएँ बहुत ही खूबसूरत ,जीवन के यथार्थ की अभ...दोनों रचनाएँ बहुत ही खूबसूरत ,जीवन के यथार्थ की अभिव्यक्ति | बहुत बहुत शुभकामनायें सुंदर रचनाओं के लिए .....ashokdardhttps://www.blogger.com/profile/13941907439946025721noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-73959256739452812612016-09-07T22:20:15.534+05:302016-09-07T22:20:15.534+05:30सुनीता जी आपने जिस भावप्रवणता से नश्वर जीवन को सार...सुनीता जी आपने जिस भावप्रवणता से नश्वर जीवन को सार्थक बनाने के लिए प्रेरित किया है,वह<br />बहुत ह्दय में परोपकार की भावना जगाता है।हार्दिक बधाई स्वीकार करें।Preranahttps://www.blogger.com/profile/14893137736025753912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-42655133925154192202016-09-07T22:13:25.292+05:302016-09-07T22:13:25.292+05:30सुनीता जी हार्दिक बधाई हो।बहुत सशक्त रचना नश्वर जी...सुनीता जी हार्दिक बधाई हो।बहुत सशक्त रचना नश्वर जीवन की सच्चाई की अभिव्यक्ति !🙏<br />'जीवन की सार्थकता दूसरों के लिए जीने में है ' की प्रेरणा देती सार गर्भित संदेश प्रसरित कर रही <br />है।Preranahttps://www.blogger.com/profile/14893137736025753912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-91183561370429880242016-09-07T21:47:55.909+05:302016-09-07T21:47:55.909+05:30बहुत अच्छी रचना मंजूषा जी !बधाई हो।जीवन को नमकीन ब...बहुत अच्छी रचना मंजूषा जी !बधाई हो।जीवन को नमकीन बताया।सटीक और अलग ही अहसास जीवन के प्रति नमकीन से आ गया है।खट्टे मीठी तीखे कड़वे अनुभवों से गुज़रने के बाद भी मनुष्य उसे फीका कहाँ होने देता है।जीवन जीने की हसरत बनी ही रहती है। सशक्त अभिव्यक्ति ।Preranahttps://www.blogger.com/profile/14893137736025753912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-17505445677846329852016-09-07T17:04:06.768+05:302016-09-07T17:04:06.768+05:30मंजूषा जी और सुनीता जी आप दोनों की रचनाएं जीवन की ...मंजूषा जी और सुनीता जी आप दोनों की रचनाएं जीवन की सच्चाई पर आधारित हैं .भावों ने प्रभावित किया है ।आप दोनों की कलम यों ही चलती रहे अनेक शुभकामनाएं ।सविता अग्रवाल 'सवि'https://www.blogger.com/profile/18325250763724822338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-26702839091110602252016-09-07T14:09:38.805+05:302016-09-07T14:09:38.805+05:30दुःख मिला जो हमें
अंतहीन है,
ज़िन्दगी फिर भी नमकीन ...दुःख मिला जो हमें<br />अंतहीन है,<br />ज़िन्दगी फिर भी नमकीन है।<br />जीवन लगता अब मशीन है,<br />ज़िन्दगी फिर भी नमकीन है।<br />मंजूषा जी निराशात्मक सुंदर रचना है बधाई .<br /><br />औरों की खुशियों में खुशियाँ , जिसने ढूँढी ,पाई<br />रहता नहीं कभी वह प्यासा, मिट जाती तन्हाई ।<br /><br /> इन पंक्तियों में सुन्दर संदेशात्मक सार छंद सुनीता जी ....बहुत-बहुत बधाई !! Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-88757532080668835512016-09-07T13:34:13.170+05:302016-09-07T13:34:13.170+05:30बहुत ख़ूबसूरत 'नमकीन ज़िंदगी ' ...हार्दिक बध...बहुत ख़ूबसूरत 'नमकीन ज़िंदगी ' ...हार्दिक बधाई मंजूषा जी !<br /><br />सुन्दर बातों से सजे बहुत सुन्दर सार छंद सुनीता जी ....बहुत-बहुत बधाई !!ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-86309912152845775932016-09-07T13:24:37.153+05:302016-09-07T13:24:37.153+05:30ज़िंदगी नमकीन है, फिर भी हसीन है, इसलिए खुशी-खुशी ज...ज़िंदगी नमकीन है, फिर भी हसीन है, इसलिए खुशी-खुशी जीना ही बेहतरीन है...| बहुत सुन्दर रचना, बधाई...|<br />सुनीता जी, जिसने दूसरों की खुशियों में खुश होना सीख लिया, वह अकेला या दुखी रहा ही कब...| बहुत सुन्दर...मेरी बधाई...|प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-73913267932336892602016-09-07T12:06:05.521+05:302016-09-07T12:06:05.521+05:30मंजूषा जी बहुत ही खूब......जिन्दगी वास्तव में ही...मंजूषा जी बहुत ही खूब......जिन्दगी वास्तव में ही है नमकीन ........सुन्दर सृजन ।सुनीता जी आपने जीवन के सत्यों को ललित छंद में बखूबी प्रस्तुत किया है। आप दोंनो को हार्दिक बधाई।<br />सीमा स्मृतिhttps://www.blogger.com/profile/09265585405906262267noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-85590247299555952682016-09-07T09:27:19.214+05:302016-09-07T09:27:19.214+05:30सादर धन्यवाद प्यारी सखीसादर धन्यवाद प्यारी सखीसुनीता काम्बोजhttps://www.blogger.com/profile/03287350410187694457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-52400686441230791492016-09-07T09:25:27.657+05:302016-09-07T09:25:27.657+05:30बहुत बहुत शुक्रिया पूर्णिमा जी ...शुभ सुप्रभातबहुत बहुत शुक्रिया पूर्णिमा जी ...शुभ सुप्रभातसुनीता काम्बोजhttps://www.blogger.com/profile/03287350410187694457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-29405272324180312012016-09-07T09:24:24.586+05:302016-09-07T09:24:24.586+05:30सादर धन्यवाद आदरणीयसादर धन्यवाद आदरणीयसुनीता काम्बोजhttps://www.blogger.com/profile/03287350410187694457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-2720946592764806972016-09-07T09:22:40.657+05:302016-09-07T09:22:40.657+05:30बहुत बहुत शुक्रिया विभा जी ...सादर नमन बहुत बहुत शुक्रिया विभा जी ...सादर नमन सुनीता काम्बोजhttps://www.blogger.com/profile/03287350410187694457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-71991714706072199062016-09-07T09:21:26.768+05:302016-09-07T09:21:26.768+05:30सादर आभार आदरनीयसादर आभार आदरनीयसुनीता काम्बोजhttps://www.blogger.com/profile/03287350410187694457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-57549527493096269472016-09-07T09:20:26.737+05:302016-09-07T09:20:26.737+05:30सादर धन्यवाद कृष्णा जी सादर धन्यवाद कृष्णा जी सुनीता काम्बोजhttps://www.blogger.com/profile/03287350410187694457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-5099257862014618022016-09-07T09:19:33.727+05:302016-09-07T09:19:33.727+05:30मंजूषा जी बहुत खूब ..ज़िन्दगी फिर भी नमकीन है .सुन...मंजूषा जी बहुत खूब ..ज़िन्दगी फिर भी नमकीन है .सुन्दर सृजन के लिए बधाई सुनीता काम्बोजhttps://www.blogger.com/profile/03287350410187694457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-38670952583778709392016-09-06T22:29:49.627+05:302016-09-06T22:29:49.627+05:30दोनों ही रचनाएं सुन्दर, सार्थक !
मंजूषा जी, सुनीता...दोनों ही रचनाएं सुन्दर, सार्थक !<br />मंजूषा जी, सुनीता जी बहुत बधाई। Krishnahttps://www.blogger.com/profile/01841813882840605922noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-28494012968534921752016-09-06T19:41:09.496+05:302016-09-06T19:41:09.496+05:30सबको एक दिन जाना है,यह कटु सत्य है परन्तु फिर भी ल...सबको एक दिन जाना है,यह कटु सत्य है परन्तु फिर भी लोग यह समझने की कोशिश नहीं करते वे इसी प्रकार अपने को धोखा देते है जैसे बिल्ली को देखकर कबूतर आँखें बंद कर अपने को धोखा देता है और बिल्ली का शिकार बन जाता है.<br />दोनों ही रचनाएँ सार्थक हैं और सोचने को बाध्य करती है कि हम कहाँ जा रहे हैं. स्वराज सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05423150834652328259noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-67424734286332173822016-09-06T17:40:44.414+05:302016-09-06T17:40:44.414+05:30दुख-सुख जीवन के अभिन्न अंग हैं । जीवन मीठी - कड़वे...दुख-सुख जीवन के अभिन्न अंग हैं । जीवन मीठी - कड़वे अनुभवों का नाम है । भोजन में नमक आवश्यक तत्व होता है। ये स्वाद भी प्रतीकात्मक रूप से जीवन का नमक ही हैं । मंजूषा मन जी ने सुन्दर शब्द संयोजन से ये सच उजागर कर दिया है । कविता दार्शनिक भाव की है । सार्थक है । बहुत बधाई । <br />दूसरी कविता सार छंद की सुंदर रचना है ।सुनीता काम्बोज जी जीवन की व्याख्या की है । दार्शनिक भाव की सुन्दर रचना है । त्यागमय जीवन तब ही सार्थक है उसमें जब परहित की बात समाई हो । ये साधुभाव कबीर जैसा है । सुखमय जीवन का हल भी अंतिम पंक्तियों में दे दिया है । ललित रचना के लिए सुनीता जी को बधाई । <br /><br /><br />Vibha Rashmihttps://www.blogger.com/profile/07085561289908241333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-45105854075298661352016-09-06T16:49:05.003+05:302016-09-06T16:49:05.003+05:30सचमुच बहुत ही ख़ूबसूरत रचनाएँ हैं दोनों, जिंदगी के ...सचमुच बहुत ही ख़ूबसूरत रचनाएँ हैं दोनों, जिंदगी के रूप-रंग से सजी हुई !<br />इस सुंदर सृजन के लिए बहुत-बहुत बधाई मञ्जूषा 'मन' जी एवं सुनीता काम्बोज जी !<br /><br />~सादर<br />अनिता ललित Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-56920837261565708832016-09-06T16:27:04.425+05:302016-09-06T16:27:04.425+05:30मंजूषा जी जिंदगी नमकीन है ,गमगीन है मशीन है..पर हम...मंजूषा जी जिंदगी नमकीन है ,गमगीन है मशीन है..पर हमें लगता है फिर भी हसीन है ...बेहतरीन ,बधाईDr.Purnima Raihttps://www.blogger.com/profile/01017846358964709625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-84219818788868937312016-09-06T16:24:23.292+05:302016-09-06T16:24:23.292+05:30सुनीता जी, सच कहा...अगर दूसरों को थोड़ी सी खुशी हमा...सुनीता जी, सच कहा...अगर दूसरों को थोड़ी सी खुशी हमारी वजह से मिल जाए तो सच में जीवन सार्थक हो जाए...उम्दाDr.Purnima Raihttps://www.blogger.com/profile/01017846358964709625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-54818740284739491792016-09-06T16:21:46.203+05:302016-09-06T16:21:46.203+05:30मंजूषा जी जिंदगी नमकीन है ,गमगीन है मशीन है..पर हम...मंजूषा जी जिंदगी नमकीन है ,गमगीन है मशीन है..पर हमें लगता है फिर भी हसीन है ...बेहतरीन ,बधाईDr.Purnima Raihttps://www.blogger.com/profile/01017846358964709625noreply@blogger.com