tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post1877386277903257009..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : 755सहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-45575760690011631502017-08-17T17:24:37.593+05:302017-08-17T17:24:37.593+05:30बहुत ही भावपूर्ण और ह्रदयस्पर्शी रचनाएँ !!!
डॉ भाव...बहुत ही भावपूर्ण और ह्रदयस्पर्शी रचनाएँ !!!<br />डॉ भावना कुंवर जी एवं भावना सक्सेना जी .....हार्दिक बधाई!!!<br />Jyotsana pradeephttps://www.blogger.com/profile/02700386369706722313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-50944711319258241962017-08-16T11:15:00.746+05:302017-08-16T11:15:00.746+05:30डॉ. भावना कुंवर जी बहुत भावपूर्ण। आपकी कविता ने मु...डॉ. भावना कुंवर जी बहुत भावपूर्ण। आपकी कविता ने मुझे मेरी अम्मा की याद दिला दी। ऐसी ही मीठी यादे हैं मेरे मन में भी।<br /><br />मेरी रचना को यहां स्थान देने के लिए आदरणीय काम्बोज भैया का आभार।<br />सभी मित्रों की उत्साहवर्धक टिप्पणियों के लिए हृदय से आभार।<br />bhawnahttps://www.blogger.com/profile/06643967250921446367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-65316292325922491362017-08-15T18:06:23.252+05:302017-08-15T18:06:23.252+05:30कितना अच्छा लगा एक साथ दो 'भावना' को पढ़ना....कितना अच्छा लगा एक साथ दो 'भावना' को पढ़ना. आप दोनों की रचनाएँ बहुत भावपूर्ण है. आप दोनों को बहुत बधाई.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-7855990925770208272017-08-11T18:42:19.464+05:302017-08-11T18:42:19.464+05:30BAHUT HI BEHTAREEN TAREEKE SE BA
HAWNAO KI SUNDAR ...BAHUT HI BEHTAREEN TAREEKE SE BA<br />HAWNAO KI SUNDAR ABHIVYAKTI.. BAHUT BAHUT SHUBH KAMNAYE...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07662450194961585972noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-88518208080462002152017-08-11T16:26:40.464+05:302017-08-11T16:26:40.464+05:30दोनों भावनाओं की सुन्दर भावधारा मन को छू गई !
हृदय...दोनों भावनाओं की सुन्दर भावधारा मन को छू गई !<br />हृदय से बधाई स्वीकार कीजिए !!ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-78716902756521785832017-08-11T15:29:19.772+05:302017-08-11T15:29:19.772+05:30कहाँ आसान था ये सब
पिघल रहता मन बरबस
इरादे से हुआ ...कहाँ आसान था ये सब<br />पिघल रहता मन बरबस<br />इरादे से हुआ पर अब<br />कठिन यात्रा ये न्यारी थी।<br /><br />भावना सक्सैना जी शानदार सृजन के लिए हार्दिक बधाई ।सुनीता काम्बोजhttps://www.blogger.com/profile/03287350410187694457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-70273678599923207952017-08-11T15:27:17.025+05:302017-08-11T15:27:17.025+05:30डॉ भावना कुँवर जी ह्रदयस्पर्शी सृजन के लिए हार्दिक...डॉ भावना कुँवर जी ह्रदयस्पर्शी सृजन के लिए हार्दिक बधाई ।<br /><br />उन कच्चे- पक्के आमों को ।<br />जब अम्मा याद आती है<br />तब आँखें भर-भर जाती हैं।<br />खोजती हूँ उनको<br />खेतों में खलिहानों में<br />उस नीम की छाँव में<br />उन कहानियों में,उन गानों मेंसुनीता काम्बोजhttps://www.blogger.com/profile/03287350410187694457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-74446911973939029232017-08-11T09:00:58.005+05:302017-08-11T09:00:58.005+05:30सार्थक एवं सारगर्भित सृजन हेतु बधाई। सार्थक एवं सारगर्भित सृजन हेतु बधाई। नीलाम्बरा.comhttps://www.blogger.com/profile/05792893886774411412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-12332152966708795842017-08-10T23:52:45.198+05:302017-08-10T23:52:45.198+05:30सुन्दर रचनायें मन को छूनेवाली ।आप दोनों को हार्दिक...सुन्दर रचनायें मन को छूनेवाली ।आप दोनों को हार्दिक बधाई ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/05248473740018889298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-80050490876726490132017-08-10T22:43:23.485+05:302017-08-10T22:43:23.485+05:30आप दोनों को हार्दिक बधाई . आप दोनों को
बहुत ही भाव...आप दोनों को हार्दिक बधाई . आप दोनों को<br />बहुत ही भावपूर्ण और मन को छूने वाली रचना का सृजन किया है।सीमा स्मृतिhttps://www.blogger.com/profile/09265585405906262267noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-40474188259199830452017-08-10T20:25:35.046+05:302017-08-10T20:25:35.046+05:30न जाने ऊपर वाले ने
ये कैसी रीत चलाई है
भावना जी इ...न जाने ऊपर वाले ने<br />ये कैसी रीत चलाई है<br /><br />भावना जी इस सवाल का तो शायद उसके पास भी कोई जवाब न होगा, दिल कचोटता सवाल, लाजवाब कविता। बधाई।<br /><br /><br />नहीं अब आँख में आँसू<br />गजब का शांत मन हरसू<br />के अब भूली हैं वे गलियाँ<br />हवा से जिनकी यारी थी।<br /><br />भावना सक्सेना जी मन छू गई आपकी पंक्तियाँ। बधाई।<br />Anita Mandahttps://www.blogger.com/profile/03558205535588084045noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-31801559854882671342017-08-10T17:38:21.757+05:302017-08-10T17:38:21.757+05:30आदरणीया डॉ भावना कुंवर जी एवं आदरणीया भावना सक्सेन...आदरणीया डॉ भावना कुंवर जी एवं आदरणीया भावना सक्सेना जी हार्दिक बधाई आप दोनों को<br /> बहुत ही भावपूर्ण और मन को छूने वाली रचना का सृजन किया है। जैसे आस - पास ही है सब कुछ बस हम दूर होते चले जाते हैं वक्त के साथ पर अन्तस् में कहीं न कहीं सब कुछ अंकित रह जाता हैं।<br />सादर<br /> Satya sharmahttps://www.blogger.com/profile/16220283562585438725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-90214961566754521822017-08-10T17:37:47.147+05:302017-08-10T17:37:47.147+05:30आदरणीया डॉ भावना कुंवर जी एवं आदरणीया भावना सक्सेन...आदरणीया डॉ भावना कुंवर जी एवं आदरणीया भावना सक्सेना जी हार्दिक बधाई आप दोनों को<br /> बहुत ही भावपूर्ण और मन को छूने वाली रचना का सृजन किया है। जैसे आस - पास ही है सब कुछ बस हम दूर होते चले जाते हैं वक्त के साथ पर अन्तस् में कहीं न कहीं सब कुछ अंकित रह जाता हैं।<br />सादर<br /> Satya sharmahttps://www.blogger.com/profile/16220283562585438725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-38323029996057768892017-08-10T16:48:31.740+05:302017-08-10T16:48:31.740+05:30डॉ०भावना कुँअर की अम्मा की याद,एवम् भावना सक्सेना ...डॉ०भावना कुँअर की अम्मा की याद,एवम् भावना सक्सेना की वे गलियाँ, अतीत के स्वर्णिम पृष्ठों को खोलती हैं,विषय और भावभूमि अलग होने पर भी दोनों में समानता है,दोनों सम्वेदना के उस धरातल को स्पर्श करती हैं जिसे वर्तमान आपाधापी के युग मे बचाना अपरिहार्य है।ग्यारह वर्षो की यात्रा की आपको हार्दिक बधाई।<br /> --शिवजी श्रीवास्तव।शिवजी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/11658195805454614870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-83642983627517648392017-08-10T14:39:25.700+05:302017-08-10T14:39:25.700+05:30यादें तो बस दिल से जुडी होती हैं...और कुछ उसी तरह ...यादें तो बस दिल से जुडी होती हैं...और कुछ उसी तरह यादों के अलग-अलग धागों को शब्दों में पिरो कर आप दोनों भावना ने बस मन छू लिया...|<br />आप दोनों को हार्दिक बधाई...|प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-53781807540880787972017-08-10T13:31:36.374+05:302017-08-10T13:31:36.374+05:30सहज साहित्य की यह साहित्यिक यात्रा निरंतर आगे चलती...सहज साहित्य की यह साहित्यिक यात्रा निरंतर आगे चलती रहे,हार्दिक बधाई...संपादक महोदय आ.रामेश्वर जी एवं संपूर्ण साहित्य के पथिकों को...<br />डॉ.भावना जी ,एवं भावना सक्सेना जी ...उम्दाभिव्यक्ति...Dr.Purnima Raihttps://www.blogger.com/profile/01017846358964709625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-1105699647111114992017-08-10T13:05:59.185+05:302017-08-10T13:05:59.185+05:30 यादों की हवा जीवन के हर पत्र को हिलाती हुई जब निक... यादों की हवा जीवन के हर पत्र को हिलाती हुई जब निकलती है तो उसमें से छन कर आने वाली रौशनी में अन्तस् की गहराइयों में छिपा सब कुछ सामने आ जाता है किन्तु याद तो याद है,भावना जी सही कहा आपने माँ साक्षात् तो नहीं पर उसके कृत्य ही अनेक रूपों में अपनी झलक दिखाते रहते हैं और हमारे दुखी मन का सम्बल बनते हैं | प्यारी चीज़ें भुलाने की कोशिशों के बावजूद भी भुलाए नहीं भूलतीं, मन को समझा कर ही उसे शांत करना होता है,शान्ति में ही तो (दुखों से छीना गया) सुख है|भावना द्वय को भावनापूर्ण अभिव्यक्ति हेतु बधाई Pushpa mehrahttps://www.blogger.com/profile/03375356603929430087noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-33810879202063119712017-08-10T12:51:28.842+05:302017-08-10T12:51:28.842+05:30और इस दिल के घरौंदें में
बस यादें ही बसाई हैं।
अभि...और इस दिल के घरौंदें में<br />बस यादें ही बसाई हैं।<br />अभिनंदन है आप दोनों का । अम्मा की याद बहुत भावपूरित रचना है । जैसे हमारी ही यादों को आपने शब्द दिये । बधाई लें भावना कुँअर जी ।<br /><br />के अब भूली हैं वे गलियाँ<br />हवा से जिनकी यारी थी।<br />भूली यादों की उन गलियों की रसीली कविता के लिये भावना सक्सेना जी हार्दिक बधाई आपको ।<br />ख़ास अवसर की शुभकामनाएँ आप दोनों कवयित्रियों को , बहन संधु जी व हिमांशु भाई जी को भी अशेष मंगलकामनाएँ । । Vibha Rashmihttps://www.blogger.com/profile/07085561289908241333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-36768071343280866572017-08-10T12:50:26.327+05:302017-08-10T12:50:26.327+05:30कई किस्से पुराने थे
कई बन्धन सुहाने थे
हो विस्मृत ...कई किस्से पुराने थे<br />कई बन्धन सुहाने थे<br />हो विस्मृत याद वो सारी<br />यही कोशिश हमारी थी। <br /><br />Bahut khub kaha bhawana ji kais lagta hai apna name likhna aaj to dono bhawna eak jagha hain , thanks kamboj ji rachna yaha post karne ke liye...Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.com