पथ के साथी

Monday, April 8, 2019

889



बे - वजह किसी की वफ़ा को ना टटोला करो,
मन  में  कोई शक है तो मुँह से बोला करो I
रख दी  खोल के किताब सामने दिल  की
कभी अपनी किताब का भी वरक खोला करो I
जिन  लफ़्ज़ों से शर्मिंदगी  उठानी  पडती  है, 
जुबां  खोलने  से  पहले उन्हें तोला करो I
किसी की जिंदगी में दखलअंदाजी अच्छी नहीं,
ख्वामखां किसी को  शबनम   ना  शोला  करो I
अमृत  नहीं है पास तो कोई बात  नहीं,
किसी  की  जिंदगी में विष भी ना घोला करो I

बाबूराम प्रधान
नवयुग कॉलोनीदिल्ली रोड़,
बड़ौत (बागपत) उ .प्र.  २५०६११

No comments:

Post a Comment