पथ के साथी

Thursday, June 7, 2018

827-चुटकी भर संवेदना…


चुटकी भर संवेदना…
मंजु मिश्रा  ( कैलीफोर्निया)

हो सके तो खुद को इंसान बनाए रखिए
चुटकी भर संवेदना दिल में बचाए रखिए
**
यूँ तो ये, आज के दौर में ज़रा मुश्किल है
तो भी क्या हर्ज़ है खुद को आजमाए रहिए 
**
आज कल हालात हद  से  बदतर है
हर आस्तीं में सांप बगल में खंजर है
**
क्या पता कौन कहाँ दुश्मन निकल आए
खुद को हर वक्त, पहरे पे लगाए रखिए
 -०-