पथ के साथी

Wednesday, December 26, 2018

861

रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
मुक्तक
1
वो जब कभी दूर होते हैं
हम बहुत मजबूर होते हैं।
खो गए सन्देश बीहड़ में
सपन चकनाचूर होते हैं।
-0-
ताँका
1
तर्पण करें 
आओ सब सम्बन्ध
रुलाने वाले
धोखा देकर हमें
सदा सताने वाले।
2
एक तुम हो
जीवन में यों आए
खुशबू जैसे
जो कुछ है पास
तुम्हें अर्पण करें।

Monday, December 24, 2018

860- औरत क्या है?


औरत क्या है?
श्रीमती सरला सैनी

क्या नहीं है औरत?
सरला सैनी
बेटी है औरत
बहन है औरत
माँ है औरत
बीवी है औरत
दुःख की गागर है औरत
सुख का सागर है औरत
ठण्डी-ठण्डी छाँव है औरत
सुलगती हुई धूप है औरत
बहता हुआ पानी है औरत
महकता हुआ फूल है औरत
दहकता हुआ अंगारा है औरत
सहनशक्ति की मिसाल है औरत
धरती पर स्वर्ग है औरत
ममता और प्यार की मूरत है औरत
देवियों में दुर्गा है औरत
ज्ञान का भंडार है औरत
शिक्षा का सार है औरत
धड़कते दिलों की पहचान है औरत
नव युग का निर्माण है औरत ।
-0-

Sunday, December 16, 2018

859-ठिठुरे दिन


कृष्णा वर्मा
1
ठिठुरे दिन
कौन करेगा गर्म
सूरज नर्म।
2
लटका पाला
सूर्य की राह देखे
पंछी बेचारा।
3
शीत प्रकंप
काँपते हाड़-मां
सिहरे मन।
4
जाड़ा ऊँघता
एक हाथ दूजे को
फिरे ढूँढता।
5
रुत का रंग
पंख फैलाए सर्दी
सिकुड़ें हम।
6
कोहरा जवाँ
सिगरेट न बीड़ी
मुख में धुँआ।
7
सर्दी डराए
चाय वाले खोखे का
स्वामी मुस्काए।
8
सूर्य दहाड़े
दिवस सुनहरी
धुंध दरारें।
9
सूरज आए
धूप के कसोरे में
पंछी नहाएँ
10
धूप को लादे
चपल गिलहरी
चौगिर्द भागे।
11
धूप के साये
आनन्दित कपोत
पंख फुलाएँ
-0-