पथ के साथी

Saturday, July 8, 2017

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सत्या शर्मा ' कीर्ति '
1 -  हम - तुम  

सुनो ना  ....
मेरे मन के
गीली मिट्टी
से बने
चूल्हे पर
पकता
हमारा- तुम्हारा
अधपका-सा प्यार
हर बार मुझे
एक नए
स्वाद से
भर देता है
पता है तुम्हें......
2
कभी - कभी
अपनी हसरतों को
टाँग देती हूँ
मन की खूँटी पे

और सींचती हूँ
उसे अपने
खूबसूरत सपनों से

अकसर देखती हूँ
उसमें अंकुरित होते
अपने अरमानों को

पुष्पित प्रेम की कलियों को
खोंस लेती हूँ
अपने अन्तर्मन के
गुलदस्ते में,

ताकि जब कभी आओ तुम
तुम्हें सौंप सकूँ
हमारे - तुम्हारे
अनकहे पलों के
बासंती रंग
3
हाँ
फिर आऊँगी
तुम्हारी यादों में

अपने दिल
के कमरे को
रखना तुम
खाली

सुनो!  बाहर
शोर होगा
जमाने का
और
दुखों की ते
धूप में
पीले हो जाएँगे
हमारे रिश्ते के
कोमल पत्ते
पर फिर भी
आऊँगी तब
मेरी धड़कनों की
आहटों पर

तुम खोल देना
अपने मन में
चढ़ी वेदना की
साँकल को .....
-0-



26 comments:

  1. तहे दिल से आभरी हूँ आदरणीय हिमांशु सर
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए

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  2. हार्दिक धन्यवाद आदरणीया सुषमा गुप्ता जी

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  5. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (09-07-2017) को 'पाठक का रोजनामचा' (चर्चा अंक-2661) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  6. हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मयंक सर
    सादर आभार सहित

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  7. सत्या जी शानदार सृजन के लिए हार्दिक बधाई ।

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  8. तहे दिल से आभरी हूँ प्रिय सुनीता जी

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  9. तहे दिल से आभरी हूँ प्रिय सुनीता जी

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  10. वाह! भा गया अध पके प्यार का स्वाद । सुन्दर लगा आप का यह सृजन सत्या शर्मा जी ।इसके लिये बधाई स्वीकारें ।

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    1. रचना को पसन्द करने के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय

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    2. रचना को पसन्द करने के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय

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  11. सत्या जी बहुत सुंदर रचनाएँ। बहुत-बहुत बधाई।

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    1. तहे दिल से आभरी हूँ आदरणीय

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    2. तहे दिल से आभरी हूँ आदरणीय

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  12. सुन्दर पंक्तियाँ

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    1. सादर धन्यवाद आदरणीय रचना को पसन्द करने हेतु

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  13. बहुत भावपूर्ण रचना मेरी बधाई .

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    1. सादर धन्यवाद आदरणीया भावना जी

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    2. सादर धन्यवाद आदरणीया भावना जी

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  14. Replies
    1. तहे दिल से आभरी हूँ आदरणीया प्रतिभा जी

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  15. सुन्दर सृजन कीर्ति जी बधाई ।

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  16. बहुत सुन्दर दिल को छूती रचनाएं हैं सत्या जी हार्दिक बधाई |

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  17. बहुत सुन्दर...ढेरों बधाई...|

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