पथ के साथी

Thursday, June 1, 2017

742

रेखा रोहतगी
1-अंतर
सागर भी  जलमय
बूँद भी जलमय
फिर तुझ विराट
और मुझ लघु में क्या अंतर है
हमारे बीच की दूरी क्यों निरंतर है ..?

2-प्रमाण

अपने चिर नूतन
होने का ये प्रमाण देते हो
मेरे प्राणों को
नए -नए आकार देते हो 

-0-

1 comment:

  1. बहुत सुंदर सृजन रेखा जी हार्दिक बधाई ।

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