पथ के साथी

Sunday, February 28, 2016

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क्षणिकाएँ
डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
1
अक्स !

यूँ छुप तो जाते हैं
दिल के छाले
जतन से ...
छुपाने से
कैसे रोक पाऊँ मैं
अक्स..
रूह के ज़ख़्मों के
लफ़्ज़ों में उभर आने से !!
-0-
2
उम्मीद !

कतरे पंख
और ..लग गए खुद ही
मर्सिया गाने में
ठहरो !
ज़िन्दा हूँ अभी
भरूँगी उड़ान ....
कुछ वक़्त तो लगेगा
नए पंख आने में !!
-0-
3
तेरी याद !

एक बदली है
दिल के सहरा को
इस तरह ...
पल-पल परसती है
जिस तरह ...
भरके माँग तारों से,
रात की दुलहिन
रात भर तरसती है !!!
-0-
4
तितली

कैसे मन को
सुकूँ ..
कैसे तन को
आराम !
नर्म ,नाज़ुक
ख़ूबसूरत देह
और ...
फूलों में,शूलों में
विचरने का काम ...
मेरे खुदा !
तू ही बता
क्या होना अंजाम ?
-0-

18 comments:

  1. अच्छी क्षणिकाएं हैं!

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  2. बेहद उम्दा क्षणिकाएँ एक से बढ़कर एक.
    बधाई,
    सादर,
    अमिता कौंडल

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  3. bahuuuuuuuuuuuuuuuuut sundar rachnayen likhi aapne "titali" ne to man ko moh liya yun hi likhte rahiye..

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  4. बहुत बहुत सुंदर

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  5. बहुत सुन्दर क्षणिकाएं |
    सुरेन्द्र वर्मा

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  6. वाह भी ! आह भी ! सखी ! बहुत ही सुंदर क्षणिकाएँ ! एक से बढ़कर एक !
    बहुत बधाई आपको इस भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए !!!


    ~सादर-सस्नेह
    अनिता ललित

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  7. स्नेहसिक्त ,प्रेरक प्रतिक्रिया हेतु आदरणीय उमेश महादोषी जी , अमिता जी , भावना जी , अनिता मण्डा जी डॉ. सुरेन्द्र वर्मा जी एवं अनिता ललित जी के प्रति हृदय से आभारी हूँ !
    यहाँ स्थान देने के लिए काम्बोज भैया जी के प्रति भी बहुत-बहुत आभार !!

    सदैव स्नेहाशीष की कामना के साथ
    ज्योत्स्ना शर्मा

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  8. बहुत सुन्दर क्षणिकाएं |... ... !!
    फूलों में,शूलों में
    विचरने का काम ...
    मेरे खुदा !
    तू ही बता
    क्या होना अंजाम ?
    बहुत बहुत सुंदर
    बधाई आपको इस भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए !!!

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  9. ज्योत्स्नाजी बहुत ही सुंदर भावपूर्ण क्षणिकाएँ ।बधाई।

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  10. bahut sunder kshanikayen .jyotsna ji badhai.

    pushpa mehra

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  11. ज़िन्दा हूँ अभी
    भरूँगी उड़ान ....
    कुछ वक़्त तो लगेगा
    नए पंख आने में !! कमाल की अभिव्यक्ति डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा जी

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  12. बेहद सुन्दर क्षणिकाएँ ज्योत्स्ना जी....हार्दिक बधाई!

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  13. स्नेह भरे प्रोत्साहन के लिए हृदय से आभार आपका !

    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

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  14. क्या कहने...! बहुत सुन्दर क्षणिकाएँ...| हार्दिक बधाई...|

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  15. बेहद सुन्दर

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