पथ के साथी

Thursday, March 6, 2014

मेरी नई कविताएँ

मेरी नई कविताएँ –डॉ सुधेश

1-साधक की खोज

ख़ुशामदी अवसरवादी
तोता चश्म यशलोभी
निकले आगे
और आगे और आगे
मैं धिकलता गया पीछे
और पीछे और पीछे
साधक की खोज हुई
आगे बहुत भीड़ थी
पीछे वालों में
सरस्वती की करुण दृष्टि
पड़ गई मुझ पर
बिना याचना के
मैं पाया गया
प्रथम ।
-0-

2-दु:ख कहाँ है

दु:ख सब को माँझता है
पर जो दु:ख को
काली कमाई से माँज कर
सुख की मरीचिका में बदलते
पूछते हैं-
दु:ख कहाँ है
मन का भ्रम है
भक्ति का पर्याय
परोपकार का बीज है ।
  पर उन का क्या होगा
    जो दु:ख की पहाड़ियों में दबे
    मौत माँगते हैं ?
-0-



   

7 comments:

  1. माँ सरस्वती की सदय दृष्टि भरपूर पड़ी है ...बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचनाएँ हैं आपकी ...
    हृदय से बधाई ...सादर नमन वंदन !!

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  2. परोपकार का बीज है ।
    पर उन का क्या होगा
    जो दु:ख की पहाड़ियों में दबे
    मौत माँगते हैं ?
    sunder bhavna purn kavita
    rachana

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  3. आपकी लिखी रचना शनिवार 08 मार्च 2014 को लिंक की जाएगी...............
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
    आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  4. सुन्दर अभिव्यक्ति |

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  5. माँ सरस्वती की कृपा जिस पर हो जाए, वो भला पीछे कैसे रहेगा...|
    सुन्दर रचनाओं के लिए हार्दिक बधाई...|

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  6. sunder abhivyakti ke liye bahut bahut badhai

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