पथ के साथी

Saturday, June 30, 2012

हाइकु मुक्तक


हाइकु मुक्तक-रामेश्वर काम्बोज हिमांशु
1
यादों की गली /यदि भूलकर भी /तुम आ जाते ।
 इन्तज़ार में  / मोड़ पर खड़े थे / हमें पा जाते ॥
करें क्या हम /क़िस्मत  में लिखा जो / मिटता नहीं ।
कसक यही / दो पल को ही सही / तुम्हें पा जाते ॥
2
अपना तन । अपना मन सब  / तुमने जाना ।
इसके आगे / होती इक दुनिया /न पहचाना ॥
हँसता देख / किसी को पलभर /तुम तो रोए ।
उम्र बिता दी / स्वार्थ को  ही तुमने / जीवन माना ॥
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