पथ के साथी

Thursday, April 19, 2012

हाइकु हो ना ?


कमला निखुर्पा


1
गागर छोटी 
भरूँ मैं तो सागर 
हाइकु हो ना ?
2
बहती जाए 
नयनों से नदियाँ 
सागर हो क्या ?
3
महक उठा
मोरा  माटी- सा तन 
फुहार हो क्या ?
4
डूब चली मैं 
नेह- ज्वार उमड़ा
चन्दा हो क्या ?
5
तिरती जाऊँ 
ज्यों लहरों पे नैया 
खिवैया हो  क्या ?
6
तुमने छुआ 
क्या से क्या बन चली 
पारस हो क्या ?
7
कुछ यूँ लगा 
उमंगित है मन 
त्योहार हो क्या ?
8
कौन हो तुम ?
कितने रंग तेरे ?
चितेरे हो क्या ?
9
जो भी हो तुम
हो जनमों के मीत 
कह भी दो हाँ !
10
मैं नहीं बोली -
बोल पड़ी कविता 
छंद ही हो ना ?
-0-




19 comments:

  1. वाह, हाईकू पर हाईकू..

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  2. सभी हाइकु एक से बढ़कर एक..

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  3. sabhi hyku behtreen , bahut umda

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  4. सभी हाइकु मन को भा गए...कमला जी,आपको बहुत बहुत बधाई!

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  5. इतने प्यारे
    हाइकु कमला जी
    बहुत खूब।
    कृष्णा वर्मा

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  6. बढ़िया हाइकु में बढ़िया सवाल...बधाई...।

    प्रियंका

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  7. बढ़िया हाइकु में बढ़िया सवाल...बधाई...।

    प्रियंका

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  8. कमला जी के हाइकु पढ़े ............एक नया अंदाज़ पढ़ने को मिला | हाइकु तो दिल लुभावने हैं ही ........नया अंदाज़ और भी लुभाता है |
    पहली दो पंक्तियाँ तीसरी का जवाब दे रहीं हैं | बहुत ही सुन्दर प्रयास !

    आपका पहला हाइकु जो बहुत सुन्दर लिबास पहने हुए है उसको सजाने के लिए यह शब्दी झालर कैसी रहेगी ..............?

    नन्ही सी सीपी
    करोड़ों भाव मोती
    हाइकु हूँ ना

    कमला जी को बधाई !

    हरदीप

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    1. हरदीपजी आपकी ये झालर तो झिलमिल मोतियों वाली है ... मेरे मन की देहली में सज गयी है ये झालर |
      नन्ही सी सीपी
      करोड़ों भाव मोती
      हाइकु हूँ ना

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  9. तिरती जाऊँ
    ज्यों लहरों पे नैया
    खिवैया हो क्या ?

    वाह .... बहुत सुंदर ... हर हाइकु प्रश्न पूछती हुई

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  10. बहुत सुन्दर हाइकु नवीनता के साथ .

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  11. सभी "हाइकु" बहुत अच्छे हैं!
    हार्दिक बधाई और धन्यवाद!
    सादर/सप्रेम
    सारिका मुकेश

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  12. नया पन लिए खूबसूरत हाइकु....

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  13. मैं नहीं बोली -
    बोल पड़ी कविता
    छंद ही हो ना ?
    एकदम नई सी महक यहाँ तक आती हुई कमल
    रचना

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  14. तुमने छुआ
    क्या से क्या बन चली
    पारस हो क्या ?

    बहुत सुंदर हाइकु हैं कमला जी बधाई,
    अमिता कौंडल

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  15. बहुत सुंदर.....बधाई.

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  16. बहुत ही मनभावन हाइकु। एक नया अंदाज जो बहुत मोहक लगा।
    कमला निखुर्पा जी को बधाई !

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  17. कल 19/06/2012 को आपकी यह पोस्ट (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति में) http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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