पथ के साथी

Friday, March 23, 2012

खुशी पल की -कुछ न माँगूँ(हाइकु)


1-खुशी पल की:रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
1
खुशी पल की
भटकी हुई बूँदे
ज्यों बादल की ।
2
आहट आई 
आँगन में यादों की
 दुबके पाँव ।
3
खुशियाँ न दो
 ग़म पीछे छुपे हैं
 यहाँ आने को ।
-0-

2-कुछ न माँगूँ :डॉ. हरदीप कौर सन्धु
1
 कुछ न माँगूँ
बस पल दो पल
ख़ुशी के सिवा
2.
कभी ढूँढ़ती
यादों के आँगन में
ख़ुशी अपनी
3
बिन बुलाए,
ये गम पता नहीं
क्यों चले आए !
-0-

17 comments:

  1. हर खुशी के बाद गम, हर गम के बाद खुशी, यही जीवन का रूप है...

    खुशियाँ न दो
    ग़म पीछे छुपे हैं
    यहाँ आने को ।

    शुभकामनाएँ.

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  2. खुशियाँ न दो
    ग़म पीछे छुपे हैं
    यहाँ आने को ।khushi aut gam hmesha sath-sath chlte hain.bahut achchi prastuti.

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  3. हिमांशु भाई साहब,

    आहट आई
    आँगन में यादों की
    दुबके पाँव ।
    -0-
    हरदीप जी

    बिन बुलाए,
    ये गम पता नहीं
    क्यों चले आए !....हिमांशु जी और हरदीप जी सारे हाइकु बहूत सुंदर है ....बधाई

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  4. ख़ुशी और गम ------एक ही सिक्के के दो पहलू. सुन्दर हाइकु

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  5. हिमांशु जी, आपके तीनों हाइकु पढ़कर दंग हूँ मैं तो ! ऐसे सशक्त और भावपूर्ण हाइकु ही बचे रह जाएंगे जो दूर तक यात्रा करने की शक्ति रखते हैं। हरदीप जी के हाइकु भी श्रेष्ठ हाइकुओं की श्रेणी में लगे। दोनो को बधाई !

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  6. हिमांशु जी और हरदीप जी के हाइकू यहाँ कुछ कुछ एक पहलू पर उत्तर प्रतिउत्तर जान पडते हैं.. और दोनों के हाइकू उत्त्कृष्ट हाइकू है.. सादर

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  7. हिमांशु जी और हरदीप जी जीवन से सरोकार रखते भाव और कला पक्ष से परिपूर्ण उत्कृष्ट हाइकू .बधाई

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    1. Jyotsna Sharma23 March, 2012 18:00

      जीवन का शाश्वत सत्य उकेरते बहुत सुन्दर हाइकू....बधाई आपको ...!

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  8. खुशियाँ न दो
    ग़म पीछे छुपे हैं
    यहाँ आने को

    बिन बुलाए,
    ये गम पता नहीं
    क्यों चले आए !हिमांशु जी, हरदीप जी बहुत सुन्दर हाइकु..बधाई।

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  9. बादल की भटकी हुयी बूँद सी ख़ुशी,,, यादों की आहट दबे पांव... इतनी सुंदर कल्पना .. पढ़कर मुँह से बस वाह ! ही निकलता है...
    और जहाँ तक गमों का सवाल है वो तो सदा बिन बुलाये ही आते हैं.... उन को कहाँ कोई न्योता देने की जरूरत पड़ती है ... लेकिन ख़ुशी और ग़म एक दूसरे के पूरक जैसे हैं... ग़म के बिना ख़ुशी की पहचान भी तो नहीं....

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  10. वाह..
    बहुत खूबसूरत....
    उत्तम हायेकु..

    सादर.

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  11. बेहतरीन, भाव प्रवाह बहाने में सक्षम..

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  12. उत्कृष्ट हाइकुओं के लिए बधाई!

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  13. खुशी और ग़म...सदा के साथी...। एक ज़्यादा देर तक अकेला नहीं रह पाता है...। बहुत सुन्दर हाइकु...मेरी बधाई...।
    प्रियंका

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  14. dhoop-chanw liye hai'n sabhi jeewan me...
    sunder prastuti....

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  15. कैसे कह दूँ
    कौन सी बेहतर ?
    सब हैं अच्छी .....

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