पथ के साथी

Sunday, April 17, 2011

तुम जो मिले


रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
1

मधुर मुस्कान
सराबोर कर दे
मन व प्राण

2
तरल नैन
भीगे सरल बैन
लौटा दें चैन
3
रिश्तों की डोर-
भावना से लिपटी
उजली भोर
4
मिलें ज्यों कल
लगे पहचाने-से
भाव निर्मल
5
तुमने जोड़ा
पावन हृदय का
रस निचोड़ा
6
आज का दिन-
ईश्वर ने दिया ज्यों
स्वर्ग का राज
7
वर्षों का तप
हुआ आज सफल
तुम जो मिले
8
साँसों का सच
आँखों में झाँक रहा
बनके गंगा