पथ के साथी

Tuesday, September 15, 2009

संस्कार है हिन्दी ।



सूर-मीरा के पदों की झंकार है हिन्दी ।
देश का स्वाभिमान है,संस्कार है हिन्दी ।
यह दिवस सप्ताह मास की अवधि है बहुत कम
बरसों नहीं ,सदियों का व्यवहार है हिन्दी।
-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'