पथ के साथी

Wednesday, March 19, 2008

लिखो


जब लिखो मीत लिखो ।
हार मत जीत लिखो ॥
नफ़रत के द्वार पर
सिर्फ़ तुम गीत लिखो।
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गाते चलो
अँधेरों को ठोकर लगाते चलो ।
उजालों से दामन सजाते चलो ।
आँसुओं की कहानी जीवन नहीं ।
मत आहें भरो ,गीत गाते चलो ॥
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रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
19 मार्च 2009