पथ के साथी

Sunday, March 9, 2008

मैं अभी हारा नहीं हूँ ।



मैं अभी हारा नहीं हूँ ।
जग अभी जीता नहीं है

मैं अभी हारा नहीं हूँ ।
फ़ैसला होने से पहले ,
हार क्यों स्वीकार कर लूँ ।
-गीतकार समीर