पथ के साथी

Thursday, September 18, 2008

मनिहार कृष्ण

मनिहार कृष्ण

 

नटवर नै भेस बनाया

ब्रज चूड़ी बेचने आया

कोई चूड़ी पहन लो छोरियो  ऽ ऽ ऽ…

सखियों ने सुना राधा से कहा

राधा ने झट बुलवाया ,

ब्रज चूड़ी बेचने आया।

राधा पहरन लगी

स्याम पहराने लगे

उसने कसकर हाथ दबाया,

ब्रज चूड़ी बेचने आया ।

राधा जाण गई

कोई छलिया है ये

चलिए ने छल दिखलाया,

ब्रज चूड़ी बेचने आया ।

नटवर नै भेस बनाया……

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