tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post5839752973468776095..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : 552-कथ्य और पथ्यसहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-18247455458226258822015-09-17T09:33:38.766+05:302015-09-17T09:33:38.766+05:30आपने सच में समाज के ऐसे तथाकथित ठेकेदारों के मुँह ...आपने सच में समाज के ऐसे तथाकथित ठेकेदारों के मुँह पर एक करारा तमाचा मारते हुए उनको आईना भी दिखा दिया...कितने बदसूरत दीखते हैं ऐसे लोग...सीरत से...| आपका एक-एक शब्द बिलकुल सटीकता से वार करता है...| ऐसी सशक्त कलम को मेरा नमन...| प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-25234711721591025582015-08-06T09:11:59.328+05:302015-08-06T09:11:59.328+05:30aise hi aashawadi bane rahen.....
aise hi aashawadi bane rahen.....<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17738951890483213701noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-27277481403091296582015-08-05T14:04:40.419+05:302015-08-05T14:04:40.419+05:30आप सबके आत्मीय प्रोत्साहन के लिए बहुत-बहुत आभार ।आप सबके आत्मीय प्रोत्साहन के लिए बहुत-बहुत आभार ।सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-61082859117784193962015-08-03T19:11:32.649+05:302015-08-03T19:11:32.649+05:30आप ने इतना जबरद्स्त लेख लिख करारा बार किया है अपने...आप ने इतना जबरद्स्त लेख लिख करारा बार किया है अपने को देश के हितेशी समझने वालों पर ।बहुत हिम्मत का काम है ।मगर जो ढीठ प्रकृती के प्राणी होते है उन्हें कुछ फर्क नही पड़ता बातों के किले खड़े करने की जगह कर्म शील होना कौन सिखाये उन्हें ।हर किसी की कलम में इतनी ताकत होनी ही चाहिये ।ताकि देश केलिये कुछ तो कर सकें ।ऐसी कलम और आप को सादर नमन ऐसी सशक्त रचना देते रहें ।समाज को राह दिखाने वाली ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/05248473740018889298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-13710328971257627852015-08-02T01:58:25.526+05:302015-08-02T01:58:25.526+05:30बहुत सही ज़बरदस्त लेख। आपकी प्रबल लेखनी को नमन।बहुत सही ज़बरदस्त लेख। आपकी प्रबल लेखनी को नमन।Krishnahttps://www.blogger.com/profile/01841813882840605922noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-36236518234334755242015-07-31T21:53:52.109+05:302015-07-31T21:53:52.109+05:30करे वार ....कलम की पैनी धार ..... व्यंग्य की नोंक...करे वार ....कलम की पैनी धार ..... व्यंग्य की नोंक में ...एहसास तीखी सी चुभन का ...हर वाक्य चाबुक लगाए ढोंगियों को... आपकी कलम साबित करती है कि तलवार से अधिक ताकतवर कलम है | आपकी कलम को नमन ..Kamlanikhurpa@gmail.comhttps://www.blogger.com/profile/05894933359198383315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-83793612365380501822015-07-31T15:03:30.340+05:302015-07-31T15:03:30.340+05:30यह लेख उन तथाकथित बुद्धिविलासियों की बुद्धिविलासित...यह लेख उन तथाकथित बुद्धिविलासियों की बुद्धिविलासिता पर करारा तमाचा है जो या तो निहित स्वार्थों की ख़ातिर या सुर्ख़ियों में बने रहने के लिए मानवतावादी होने का ढोंग रचाने में राष्ट्रहित की ज़रा भी परवाह नहीं करते। कम्बोज महोदय की निर्भीक व सशक्त लेखनी को बारम्बार नमन। काश ! देश का मीडिया आपसे कुछ सीख ले पाता।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01562658466771518652noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-25226571173236516212015-07-31T13:44:12.247+05:302015-07-31T13:44:12.247+05:30एक-एक शब्द तथाकथित क्रूर ...अहिंसावादियों और धर्मन...एक-एक शब्द तथाकथित क्रूर ...अहिंसावादियों और धर्मनिरपेक्ष मानवताधिकार के झंडाबरदारों को आईना दिखाता है ....निःसंदेह ...<br /><br />"यह देश सबका है , लेकिन उनका नहीं है ,जो इस देश का कल्याण नहीं सोचते। जो देश का कल्याण न सोचकर पूरी ताकत इसे कमज़ोर लगाने में करते हैं, जिनको अपना घर भरने से ही फ़ुर्सत नहीं, जिनके पास अपने दाग धोने या उनको देखने का समय नहीं है, वे भौंककर अपने फ़ेफ़ड़े कमज़ोर न करें। कुछ कहना है तो पहले तोल लें। कथ्य के साथ पथ्य ज़रूरी है। अपनी बेहूदी बातों से , बचकानी हरक़तों से देश और समाज को कमज़ोर न करें । दो जून की रोटी जुटाने वाले का जीना हराम न करें , उसे जीने दें। उसे मज़हब की आग में न झोंकें।इस देश का निर्माण बातूनी लोगों ने नहीं किया , कर्मशील लोगों ने किया है.......बेहद दमदार ,प्रभावी !! <br /><br />सादर नमन के साथ <br />ज्योत्स्ना शर्मा ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-66281926301999940442015-07-31T12:40:02.125+05:302015-07-31T12:40:02.125+05:30kathy aur tathy ke madhyam se samaj ke shubh chint...kathy aur tathy ke madhyam se samaj ke shubh chintak aur desh ke vikas , suraxa tatha usaka hit chahane vale swarthi varg ki apane apko nasht karake dusaron se vahvahi lutane ki giri hui mansikta ko dikha kar ajkal ki bagula bhakti ko ujagar kiya hai.desh ke karNdharon ke dimaaG ki nasen kholne ke liye aise lekhon ka prakashan hona desh aur usaki ikai samaj dono ke liye avashyak hai.bhai ji apko badhai.<br /> pushpa mehra. <br />Pushpa mehrahttps://www.blogger.com/profile/03375356603929430087noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-70822677933082918342015-07-31T12:21:36.811+05:302015-07-31T12:21:36.811+05:30बहुत ही सुंदर, सशक्त एवं सार्थक प्रस्तुति !
बातें...बहुत ही सुंदर, सशक्त एवं सार्थक प्रस्तुति ! <br />बातें चाहें तो फूल खिला दें, बातें चाहें तो आग लगा दें … सोच-समझ-तोल कर बोलने में ही सबकी भलाई है!<br /><br />आपको एवं आपकी लेखनी को नमन !<br /><br />~सादर <br />अनिता ललित <br />Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-47007645108895058852015-07-31T12:03:33.241+05:302015-07-31T12:03:33.241+05:30कथ्य और पथ्य के माध्यम से
आदरणीय आपने जिस तरह सही...कथ्य और पथ्य के माध्यम से <br />आदरणीय आपने जिस तरह सही<br />तथ्य को अभिव्यक्ति दी है वह अत्यंत <br />सशक्त है और समाज के हित में बहुत<br />जरूरी भी। आपको सादर नमन ।Rekhahttps://www.blogger.com/profile/09631938602142229245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-51504141037551454172015-07-31T11:24:51.445+05:302015-07-31T11:24:51.445+05:30बहुत सही।ऐसी तल्ख़ी हमारे दिल से कलम तक आनी ही चहिए...बहुत सही।ऐसी तल्ख़ी हमारे दिल से कलम तक आनी ही चहिए।आपकी लेखनी को प्रणाम।Anita Mandahttps://www.blogger.com/profile/03558205535588084045noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-6755930155880714802015-07-31T11:09:36.054+05:302015-07-31T11:09:36.054+05:30Ekdam sahi .... Baaton ki aag samaj ko tabah kar d...Ekdam sahi .... Baaton ki aag samaj ko tabah kar deti haI... Bahut hi sarthak lekh Manju Mishrahttps://www.blogger.com/profile/04132121767481656886noreply@blogger.com