tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post4719476811139404709..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : 609सहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-65505606492988672752016-01-25T08:46:53.622+05:302016-01-25T08:46:53.622+05:30दोनो कविताएँ नए बिम्ब में बहुत मोहक हैं...शानदार प...दोनो कविताएँ नए बिम्ब में बहुत मोहक हैं...शानदार प्रस्तुति प्रियंका जी ...हार्दिक बधाई !!Jyotsana pradeephttps://www.blogger.com/profile/02700386369706722313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-64907235705655294162016-01-25T07:27:21.879+05:302016-01-25T07:27:21.879+05:30bhavpurn abhivykti bahut bahut badhai...bhavpurn abhivykti bahut bahut badhai...Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-88994353551010409132016-01-24T14:51:27.538+05:302016-01-24T14:51:27.538+05:30जानदार शंब्दों में शानदार प्रस्तुति प्रियंका जी .....जानदार शंब्दों में शानदार प्रस्तुति प्रियंका जी ...हार्दिक बधाई !!ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-321370010155045752016-01-22T22:02:48.167+05:302016-01-22T22:02:48.167+05:30बहुत भावपूर्ण कवितायेँ प्रियंका जी, बधाई।बहुत भावपूर्ण कवितायेँ प्रियंका जी, बधाई।bhawnahttps://www.blogger.com/profile/06643967250921446367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-29156333791645123362016-01-22T19:51:40.375+05:302016-01-22T19:51:40.375+05:30बहुत भावपूर्ण मन को छू गईं दोनों कविताएँ, बेहतरीन...बहुत भावपूर्ण मन को छू गईं दोनों कविताएँ, बेहतरीन प्रस्तुति .....बहुत-बहुत बधाई प्रियंका जी!Krishnahttps://www.blogger.com/profile/01841813882840605922noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-37670385976118244942016-01-22T18:39:22.597+05:302016-01-22T18:39:22.597+05:30दोनो कविताएँ नए बिम्ब में बहुत मोहक हैं...
बेजान श...दोनो कविताएँ नए बिम्ब में बहुत मोहक हैं...<br />बेजान शब्दों में प्राणवायु भरने का ख्याल...<br />गुल्लक में यादें जमा कर ब्याज की आस भी....बधाई प्रियंका!!ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-35701539613528001062016-01-22T18:31:10.885+05:302016-01-22T18:31:10.885+05:30 शब्दों की शक्ति का अहसास कराते,अभिव्यक्ति पाने मे... शब्दों की शक्ति का अहसास कराते,अभिव्यक्ति पाने में असमर्थ शब्दों की आन्तरिक पीर बताते शब्दों की लकीरें खींचती कविता तथा यादों के धागे कविता भी बहुत सुंदर है , प्रियंका जी बधाई| <br /><br /> पुष्पा मेहरा rbmhttps://www.blogger.com/profile/10299724344262939136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-38624913111256031902016-01-22T18:26:49.321+05:302016-01-22T18:26:49.321+05:30सबसे पहले तो आदरणीय काम्बोज अंकल का आभार जो उन्हों...सबसे पहले तो आदरणीय काम्बोज अंकल का आभार जो उन्होंने कविता के क्षेत्र में मेरे प्रयास को सहज साहित्य पर स्थान देकर हमेशा की तरह मेरा उत्साहवर्द्धन किया है...|<br />साथ ही आप सभी के इतने अच्छे कमेंट्स के लिए तहे दिल से शुक्रिया...|प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-51380628626709376722016-01-22T17:31:56.865+05:302016-01-22T17:31:56.865+05:30जानदार शब्द !
यादों की गुल्लक में जमा की हुई यादें...जानदार शब्द !<br />यादों की गुल्लक में जमा की हुई यादें अनमोल !!<br />दोनों कविताएँ बहुत सुंदर प्रियंका जी !!<br />हार्दिक बधाई आपको !!!<br /><br />~सादर <br />अनिता ललित Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-64932210874472571872016-01-22T17:30:12.858+05:302016-01-22T17:30:12.858+05:30प्रियंका जी शब्दों के स्वरुप को और यादों में बंधे ...प्रियंका जी शब्दों के स्वरुप को और यादों में बंधे लम्हों को बड़ी ख़ूबसूरती से अपनी दोनों कविताओं में प्रस्तुत किया है आपने ,हार्दिक बधाई .सविता अग्रवाल 'सवि'https://www.blogger.com/profile/18325250763724822338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-61720900651516805132016-01-22T17:28:52.882+05:302016-01-22T17:28:52.882+05:30प्रियंका जी शब्दों के स्वरुप को और यादों में बंधे ...प्रियंका जी शब्दों के स्वरुप को और यादों में बंधे लम्हों को बड़ी ख़ूबसूरती से अपनी दोनों कविताओं में प्रस्तुत किया है आपने ,हार्दिक बधाई .सविता अग्रवाल 'सवि'https://www.blogger.com/profile/18325250763724822338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-3097196721861588452016-01-22T17:15:58.011+05:302016-01-22T17:15:58.011+05:30भावपूर्ण प्रस्तुति है। शब्द कभी बेजान नहीं होते। ब...भावपूर्ण प्रस्तुति है। शब्द कभी बेजान नहीं होते। बधाई ।Subhash Chandra Lakherahttps://www.blogger.com/profile/12038169671073530833noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-21218934896967315442016-01-22T16:54:05.606+05:302016-01-22T16:54:05.606+05:30वाह प्रियंका जी बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति है।मन मोह ...वाह प्रियंका जी बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति है।मन मोह लिया आपकी कविताओं ने।बधाई।Anita Mandahttps://www.blogger.com/profile/03558205535588084045noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-67228683594377504812016-01-22T16:45:04.277+05:302016-01-22T16:45:04.277+05:30वाह! प्रियंका जी खूब कहा।शब्द कभी बेजान होते ही नह...वाह! प्रियंका जी खूब कहा।शब्द कभी बेजान होते ही नहीं । जो यह आकाश में ध्वनियाँ गुँजायेमान हैं वे शब्द ही तो हैं मन से निकले या मन में दबे हुये ।उन का अस्तित्व कभी लुप्त नही हो सकता ।<br />व्याज मिलने की बात भी खूब कही यादों के धागों से बांध रखे है कुछ लमहें । वक्त इस धन को व्याज समेत लौटाता ही है। बहुत ताकत होती है प्यार और विश्वास मे खिंचा आता है प्रियवर नत मस्तक होकर क्षमाप्रार्थी बन । यही तो मूल समेत व्याज का मिलना है ।बधाई ।साकारात्मक सोच की लिखत को ।<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/05248473740018889298noreply@blogger.com