tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post3230132946064927644..comments2024-03-27T23:59:18.143+05:30Comments on सहज साहित्य : स्मृति शेषसहज साहित्यhttp://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-76126018193393951492013-05-20T02:13:15.719+05:302013-05-20T02:13:15.719+05:30maa shabd nahi pyar ka sagar hai uski kabhi koi pu...maa shabd nahi pyar ka sagar hai uski kabhi koi puri nahi kar sakta .aapne sunder tarike se likha hai .age kya kahun bahut hi marmik likha hai <br />rachana<br />Rachanahttps://www.blogger.com/profile/15249225250149760362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-78125409866155260262013-05-19T10:23:47.095+05:302013-05-19T10:23:47.095+05:30आज एक से बढ़कर एक रचनाएँ पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त हु...आज एक से बढ़कर एक रचनाएँ पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.आपका यह प्रयास कबीले तारीफ़ है दिगंबर नासवा की माँ पर लिखी बेहतरीन रचनाओं के बाद काफी समय बाद ऐसा सौभाग्य पप्राप्त हुआ ..हमारा भी मार्गदर्शन करने की कृपा करें ..सादर बधाई ..आज ही आपका ब्लॉग ज्वाइन कर रहा हूँ ..Dr.Ashutosh Mishra "Ashu"https://www.blogger.com/profile/06488429624376922144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-6236491251335221742013-05-17T18:28:37.072+05:302013-05-17T18:28:37.072+05:30बहुत ही मार्मिक...क्या कहूँ...निशब्द हूँ...|
बस एक...बहुत ही मार्मिक...क्या कहूँ...निशब्द हूँ...|<br />बस एक विनम्र श्रद्धांजलि...|प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-16928449692514404472013-05-17T18:28:09.460+05:302013-05-17T18:28:09.460+05:30अपनी स्मृतियों में संजोये अहसास को आपने जिस तरह पं...अपनी स्मृतियों में संजोये अहसास को आपने जिस तरह पंक्तियों में उतारा है दिल को छू लेने वाला है सुशीला जी ..मेरी भी विनम्र श्रद्धांजलि आदरणीया माँ जी को !<br />सादर <br />ज्योत्स्ना शर्मा ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-8943973614901244662013-05-16T20:35:15.463+05:302013-05-16T20:35:15.463+05:30आँखें भर आईं... सुशीला जी!
अपनों को खोने के डर से....आँखें भर आईं... सुशीला जी!<br />अपनों को खोने के डर से... दिल बहुत घबराता है :(<br />विनम्र श्रद्धांजलि आंटी जी को!<br />ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे तथा आप सभी परिवारजनों को ये दुख सहने की क्षमता दे!<br />~सादर!!!Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-75169207117456091662013-05-15T21:07:33.186+05:302013-05-15T21:07:33.186+05:30आभार आदरणीय काम्बोज भाई जी । आपकी और साहित्यिक मित...आभार आदरणीय काम्बोज भाई जी । आपकी और साहित्यिक मित्रों की संवेदना और भावात्मक सहारे के लिए दिल से आभार ।sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-52828709920385174302013-05-15T11:55:03.766+05:302013-05-15T11:55:03.766+05:30सुंदर भावनात्मक दुखांत कविता पढ़कर मुझे भी अपनी म...सुंदर भावनात्मक दुखांत कविता पढ़कर मुझे भी अपनी माँ याद हो आई .<br />Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6277721096600596935.post-91636323497298244152013-05-15T11:16:26.861+05:302013-05-15T11:16:26.861+05:30माँ को नमन .... बहुत सुंदर भाव है रचना के ... माँ ...माँ को नमन .... बहुत सुंदर भाव है रचना के ... माँ के न होने पर भी वो हर जगह व्याप्त रहती है ... यहाँ तक की स्पर्श का एहसास भी बना रहता है । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com