पथ के साथी

Friday, June 16, 2017

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1-माटी का घट
-कमला निखुर्पा
1
माटी का संसार है ,खेल सके तो खेल।
बाजी रब के हाथ है,कर ले सबसे मेल ।
2
यह घट काचा ही रहा,तपा न दुख की आँच।
परहित में  जो घट तपे,नित पाए सुख साँच।
-0-
2-बूँद और बादल 
-डॉ ज्योत्स्ना शर्मा
1
हुआ बिछोड़ा बूँद से ,बादल बड़ा उदास ,
बिन तेरे मैं क्या सखी , अब क्या मेरे पास
2
जग नश्वर ,मिटना बदा ,कभी न मिटता प्यार ।

बरसूँ बनकर मैं ख़ुशी तुम लो दुआ अपार !

17 comments:

  1. यह घट काचा ही रहा,तपा न दुख की आँच।
    परहित में जो घट तपे,नित पाए सुख साँच।
    कमला जी हर्षा गया दोहा ।
    खूब बधाई लें ।

    हुआ बिछोड़ा बूँद से ,बादल बड़ा उदास ,
    बिन तेरे मैं क्या सखी , अब क्या मेरे पास ।
    बहुत खूबसूरत बात कह गया दोहा ।
    बधाई ज्योत्सना जी
    नेहिल विभा रश्मि

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  2. कमला जी बहुत सुंदर दोहे हार्दिक बधाई ।

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  3. ज्योत्स्ना जी बहुत सुंदर मनभावन दोहे ..बहुत - बहुत बधाई ।

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  4. कमला जी और ज्योत्सना जी बहुत भावपूर्ण दोहे।
    घट काचा ... बहुत ही सुंदर।

    सादर,
    भावना

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  5. बहुत बहुत बेहतरीन लिखा आपने कमल जी
    हार्दिक बधाई

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  6. बहुत ही उम्दा बहुत ही बेहतरीन लेखन ज्योत्स्ना जी
    हार्दिक बधाई

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  7. बहुत ही उम्दा बहुत ही बेहतरीन लेखन ज्योत्स्ना जी
    हार्दिक बधाई

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  8. बहुत बहुत बेहतरीन लिखा आपने कमल जी
    हार्दिक बधाई

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  9. सुंदर दोहे कमला जी ..हार्दिक बधाई 💐
    यहाँ स्थान देने के लिए काम्बोज भैया जी का बहुत आभार 🙏

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  10. kamla ji aur jyotsna ji bahut bahut badhai sunder dohe hain
    rachana

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  11. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (18-06-2017) को गला-काट प्रतियोगिता, प्रतियोगी बस एक | चर्चा अंक-2646 पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  12. बहुत सुन्दर दोहे

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  13. कमला जी और ज्योत्स्ना जी आप दोनों को सुन्दर भावपूर्ण दोहों की रचना पर हार्दिक बधाई |

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  14. Kamal ke dohe lihe hain aap dono ne bahut bahut badhai...

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  15. बेहतरीन दोहे। कमला जी, ज्योत्स्ना जी...हार्दिक बधाई।

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  16. बहुत बेहतरीन दोहे...मेरी हार्दिक बधाई...|

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  17. कमला जी और ज्योत्स्ना जी, आप दोनों के दोहे बेहतरीन हैं, बहुत बधाई आप दोनों को.

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