पथ के साथी

Monday, August 15, 2016

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1-अनिता ललित
1-जय हिन्द!

गूगल से साभार
खाकर गोली
सीने पर अपने
थमा गए हम सबको
आज़ादी का प्याला
वो वीर हिंदुस्तानी
सो गए जो सरहद पर
ओढ़कर बर्फ़ की चादर,
अपनों से दूर...
'इन्द्रधनुषी' सपनों को
'तिरंगे' में समेट कर।
खून से अपने... सींचकर
वतन की धरती
मिट गए.. मिल गए ..
उसी माटी में...!
वो 'ऋण' उनका..
चुका पाएंगे क्या हम कभी ?
वो सपने उनके...
फूलों से आशीष की तरह ...
आज भी बरसते हैं
जो...अपने तिरंगे से ...
वो महक 'आज़ादी' की...
क्या दिल से मिटा पाएँगे कभी ...?
-0-
2-अनिता मण्डा
1-भगतसिंह
अनिता मण्डा

http://www.crossed-flag-pins.com से साभार
आजादी को माना दुल्हन, फंदा फाँसी का चूमा।
भगतसिंह की निडरता से, अंग्रेजों का सिर घूमा।
बलिदानों के पथ के राही को वे रोक न पाते थे।
इंकलाब के नारे देते, आगे बढ़ते जाते थे।
करतार सराभा को जिसने, माना नायक अपना था।
गोरों के अत्याचारों से, आज़ादी ही सपना था।
बीज ग़दर के बचपन से ही, मन माटी में उग आए।
प्रतिशोध लिया लालाजी का, मार साण्डर्स हर्षाए।
साहस से सींचा था जीवन, राह भरी अंगारों से।
बम असेम्बली में था फेंका, तोड़ी नींद विचारों से।
मातृभूमि की माटी को वे रखकर अपने माथ चले।
राजगुरु सुखदेव- से साथी, अंत समय तक साथ चले।
-0-
2-सैनिक-(गीत)
अनिता मण्डा

भारत माँ के बेटे करते, सरहद की रखवाली।
पाक न तू बच पाएगा जो, गंदी नज़रें डाली।
सींचा लहू से शहीदों ने , तब आई आज़ादी।
सर्दी -गर्मी सहकर इनका, जिस्म बना फ़ौलादी।
चाहे तपता सूरज हो फिर, या रातें हों काली।
भारत माँ के बेटे करते, सरहद की रखवाली।
सदियों तक रहती है सबको, इनकी याद कहानी।
धरती को है किया बिछौना, नभ की चादर तानी।
सरहद पर ही मनती इनकी, होली और दिवाली।
भारत माँ के बेटे करते, सरहद की रखवाली।
-0-

12 comments:

  1. बहुत सुंदर, प्रेरक एवं प्रभावी प्रस्तुति प्रिय अनीता मण्डा !

    ~सस्नेह
    अनिता ललित

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  2. बहुत सुन्दर ओजस्वी रचनाएँ !
    अनिता द्वय को बहुत- बहुत बधाई !!
    सभी को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !!

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  3. अनिता दीदी बहुत प्रेरणादायी आपकी रचना, हार्दिक बधाई।

    ज्योत्स्ना दीदी, अनिता दीदी उत्साह बढ़ाने के लिए हृदय से आभारी हूं।

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  4. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (16-08-2016) को "एक गुलाम आजाद-एक आजाद गुलाम" (चर्चा अंक-2436) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    ७० वें स्वतन्त्रता दिवस की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  5. ओजस्वी कविताओं हेतु अनिता द्वय को बधाई |

    पुष्पा मेहरा

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  6. सुंदर और भावपूर्ण रचना की आपदोनों को बधाई ।

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  7. बहुत सुन्दर सशक्त कविताएँ। आप दोनों को मेरी हार्दिक बधाई।
    स्वतंत्रता दिवस की आप सभी को बहुत शुभकामनाएँ।

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  8. भावपूर्ण सुंदर रचनाएँ । आप दोनों को हार्दिक बधाई।

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  9. सभी को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
    बहुत भावपूर्ण एवं प्रभावी प्रस्तुति !!
    प्रिय अनिता द्वय को मेरी हार्दिक बधाई।

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  10. सराहना एवं प्रोत्साहन हेतु आप सभी का हार्दिक आभार

    ~सादर
    अनिता ललित

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  11. bahut bhavpurn rachnayen...bahut bahut badhai,,,

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  12. बहुत मर्मस्पर्शी रचनाएँ...बरबस आँख में आँसू भी आ जाते हैं | बहुत बहुत बधाई...|

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