पथ के साथी

Saturday, September 14, 2013

हुई कण्ठहार हिंदी !!


डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा 

भारत का ,भारती का 
शोभन शृंगार हिंदी ,
माँ! अनेक आभरण हैं ,
हुई कण्ठहार हिंदी !

प्रगति का ,परम्परा का 
सुखदायी योग तुझमें ,
ममता और त्याग ,भक्ति 
ओजस नियोग तुझमें ।
पीयूष-पयोधि, रस का ,
अतुलित आगार  हिंदी ।।

भारत का, भारती का 
शोभन शृंगार हिंदी ,
माँ ! अनेक आभरण हैं ,
हुई कण्ठहार हिंदी !

बढ़कर विजय के पथ पर 
अब कहीं कदम न ठहरे ,
जग में पताका यश की 
दिग-दिगंत मात फहरे ।
प्रतिपल हृदय का तुझसे 
जुड़े तार-तार हिंदी ।।

भारत का , भारती का 
शोभन शृंगार हिंदी ,
माँ ! अनेक आभरण हैं ,
हुई कण्ठहार हिंदी !
-0-

...और ...एक ..कहन मुकरी...
1
गीत , रुबाई .ग़ज़ल सुनावे 
विविध विधा से मन सरसावे 
हृदयहार ,माथे की बिंदी 
क्या सखि साजन ?? न सखि हिन्दी
-0-
हिंदी दिवस पर हार्दिक शुभ कामनाएँ .. :)



11 comments:

  1. ज्योत्सना जी की सरता रचना के लिए बहुत बधाई...और ये पढ़ कर तो सच्ची आनंद आ गया...

    गीत , रुबाई .ग़ज़ल सुनावे
    विविध विधा से मन सरसावे
    हृदयहार ,माथे की बिंदी
    क्या सखि साजन ?? न सखि ‘हिन्दी’

    प्रियंका

    ReplyDelete
  2. प्रतिपल हृदय का तुझसे
    जुड़े तार-तार हिंदी ।।

    sundar evam sarthak kavya .......

    shubhkamnayen .

    ReplyDelete
  3. आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है के आपकी यह विशेष रचना को आदर प्रदान करने हेतु हमने इसे आज के ब्लॉग बुलेटिन - हिंदी को प्रणाम पर स्थान दिया है | बहुत बहुत बधाई |

    ReplyDelete
  4. बहुत-बहुत सुंदर! शब्द संयोजन, भाव... सभी कुछ बहुत ही खूबसूरती से रचा... ज्योत्स्ना जी!

    "हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!"

    ~सादर!!!

    ReplyDelete
  5. जयति हिन्दी, जयति देशं..

    ReplyDelete
  6. प्रियंका जी , अनुपमा जी ,तुषार जी ,अनिता जी एवं प्रवीण पाण्डेय जी उत्साह वर्धक प्रतिक्रियाओं के लिए बहुत बहुत आभार आप सभी का |
    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

    ReplyDelete
  7. सुन्दर भावपूर्ण रचना ...बधाई |

    ReplyDelete
  8. सुंदर प्रस्तुति

    बधाई

    ReplyDelete
  9. युग-चेतना एवं मंजु गुप्ता जी के प्रति हृदय से धन्यवाद |

    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

    ReplyDelete
  10. युग-चेतना एवं मंजु गुप्ता जी के प्रति हृदय से धन्यवाद |

    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

    ReplyDelete
  11. युग-चेतना एवं मंजु गुप्ता जी के प्रति हृदय से धन्यवाद |

    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

    ReplyDelete