पथ के साथी

Tuesday, January 17, 2012

आँसू तुम्हारे(हाइकु)


रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
1
आँसू तुम्हारे
भिगो गए आँगन
मेरे मन का ।
2
देखे न जाएँ
अपनों के  ये आँसू
खूब रुलाएँ
3
पोंछ दूँ नैन
मिल  जाए मन को
दो पल चैन
4
तुमने जोड़ा
ऐसा प्यारा ये  नाता
जीना सिखाता
5
तुम न आतीं
मन के मन्दिर में
जले न बाती
6
मेरी हथेली
तेरे भीगे नयन
लाओ पोंछ दूँ
-0-

11 comments:

  1. बहुत कोमल भाव लिए सुन्दर हाईकू रचनाएँ ..

    मोती सा आंसू
    पलकों पे अटका
    सहेज लूँ मैं ..

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  2. बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति । एक-एक शब्द समवेत स्वर में बोल रहे हैं । मेरे पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । धन्यवाद ।

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  3. सुंदर एवं भावपूर्ण हाइकुओं के लिए बधाई एवं आभार!

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  4. इन कठिन भावों को तीन तीन पंक्तियों में सम्हाल पाना बड़ा ही कठिन है..

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  5. तुमने जोड़ा
    ऐसा प्यारा ये नाता
    जीना सिखाता...

    Sabhi haiku bahut pyari bhavnaon se ot prot hain.Sabhi ke bhav bahut komla hain.ye haiku bahut apnatv se bhara hai.bahut2 badhai.

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  6. सभी हायेकु रचनाएँ बहुत बढ़िया...

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  7. मेरी हथेली
    तेरे भीगे नयन
    लाओ पोंछ दूँ...bahut sundar...

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  8. पोंछ दूँ नैन
    मिल जाए मन को
    दो पल चैन

    भाव, तुक, लय सब समाए हैं इन नन्हीं पंक्तियों में ... यही तो है गागर में सागर |

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  9. sabhi haaiku behad bhaavpurn..
    देखे न जाएँ
    अपनों के ये आँसू
    खूब रुलाएँ

    shubhkaamnaayen.

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  10. आँसुओं पर बहुत ही सुन्दर हाइकु…पहले हाइकु ने तो दिल जीत लिया…

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  11. आँसू तुम्हारे
    भिगो गए आँगन
    मेरे मन का

    वैसे तो सभी हाइकू सुंदर हैं... लेकिन इसका काव्य एवं भाव सौन्दर्य तो बस अनुपम है
    सादर
    मंजु

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